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अंतरिम बजट संसद में होगा प्रस्तुत, लगातार छठा बजट पेश करेंगी वित्त मंत्री सीतारमण

by NewsDesk - 01 Feb 24 | 201

कर्माचारियों को स्टैंडर्ड डिडक्शन में मिल सकती है 1 लाख की छूट

चुनावी बजट होगा जनहितैषी

 

चार जातियों के लिए बजट में होगी खास योजना, लोकसभा चुनाव में जीत पर मुहर लगाने की होगी कोशिश

 

नई दिल्ली । केन्द्रीय अंतरिम बजट गुरूवार को संसद में प्रस्तुत होगा। चूंकि यह अंतरिम बजट है। चुनावी वर्ष भी है, इसलिए कुछ लोक-लुभावने वायदे किए जा सकते हैं। इसमें वेतनभोगी वर्ग को स्टैंडर्ड डिडक्शन जिसमें अभी 50 हजार रुपए की छूट मिलती है, उसे सरकार बढ़ाकर 1 लाख रुपए तक कर सकती है। आयकर की दरों में भी कुछ बदलाव की उम्मीद की जा रही है। इसी प्रकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून में भी कुछ रियायतें दी जा सकती हैं। इसमें विकास के कार्यों के खर्चों पर सरकार का विशेष जोर रह सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को लगातार छठा बजट पेश करेंगी। इसके साथ ही उनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज होंगे। वह लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश कर पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के क्लब में शामिल हो जाएंगी। सीतारमण पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं, जो जुलाई 2019 से अब तक पांच पूर्ण बजट पेश कर चुकी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने सर्वाधिक 10 बार बजट पेश किए थे।

विपक्ष जब जातिगत जनगणना के मुद्दे के सहारे केंद्र सरकार को घेरने की योजना बना रहा था, प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी खूब आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि जातिगत राजनीति करके देश को गर्त में धकेलने का काम किया गया है। अब यह सोच बदलनी चाहिए। विकसित भारत संकल्प यात्रा के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों को अपने लिए चार विशेष जातियां बताया था। एक फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में इन्हीं चार वर्गों के लिए विशेष कल्याणकारी योजनाएं पेश की जा सकती हैं। ऐसा कर भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहेगी। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के पूर्व पेश किए गए अंतरिम बजट में भी केंद्र सरकार ने किसानों के लिए नकद आर्थिक सहायता योजना पेश कर पूरा खेल पलट दिया था। माना जाता है कि किसानों की तमाम नाराजगी के बीच केंद्र सरकार ने यह योजना पेश कर किसानों के एक बड़े वर्ग का समर्थन हासिल कर लिया था, जिसने उस महत्त्वपूर्ण चुनाव में भाजपा को रिकॉर्ड जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

एक समय प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों की संख्या 11 करोड़ से ऊपर पहुंच गई थी। हालांकि बाद में इसमें कमी आई। दिसंबर 2023 में कृषि एवं कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने संसद में जानकारी दी थी कि अब इस योजना के लाभार्थियों की संख्या 8.12 करोड़ है। कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि पीएम किसान योजना की राशि में कुछ बढ़ोतरी कर सरकार एक बार फिर किसानों को लुभाने की कोशिश कर सकती है। लेकिन नकद आर्थिक सहायता राशि बढ़ाने की बजाय हर उपयुक्त किसान तक योजना का लाभ पहुंचाने और किसानों को ज्यादा आसान कर्ज उपलब्ध कराने, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाते हुए उसका सभी कार्यों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति देकर भी सरकार किसानों को आकर्षित करने की कोशिश कर सकती है। जिस तरह स्वास्थ्य, बिजली, जल और राशन योजना को हर गरीब परिवार तक पहुंचाने की कोशिश की गई है, उसी प्रकार इस योजना को भी हर किसान तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रयासों की घोषणा की जा सकती है।

मोदी के निशाने पर होंगी महिलाएं

महिलाएं और युवा मतदाता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष समर्थक वर्ग के रूप में उभरा है। इस बजट में इन वर्गों को लुभाने की कोशिश की जा सकती है। केंद्र सरकार ने पहले ही उज्जवला योजना, जनधन खाता योजना और स्वयं सहायता योजनाओं के जरिए विशेष उद्यम स्थापित करने में महिलाओं का सहयोग कर उन्हें अपने विशेष समर्थक के तौर पर उभारने का काम किया है। इस बार भी महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं पेश कर उन्हें आकर्षित करने का काम किया जा सकता है।

 

युवाओं को लुभाने की रहेगी कोशिश

 

युवा मतदाता भाजपा के बड़े समर्थक वर्ग के तौर पर उभरे हैं। यही कारण है कि केंद्र सरकार विशेष योजनाओं के जरिए इन्हें लुभाने की कोशिश कर सकती है। बेरोजगारी भत्ता, उच्च शिक्षा के लिए विशेष आर्थिक सहायता और स्वयं रोजगार स्थापित करने में विशेष आर्थिक मदद देने की घोषणा कर भी केंद्र सरकार इन्हें अपने से जोडऩे की कोशिश कर सकती है।

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