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स्मार्ट सिटी योजना में भ्रष्ट्राचार का बड़ा मामला, ईओडब्लू ने प्राथमिक एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की

by NewsDesk - 03 Sep 21 | 254

ग्वालियर पीएम नरेंद्र मोदी सबसे महात्वकांक्षी स्मार्ट सिटी योजना में भ्रष्ट्राचार का बड़ा मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर से समाने आया है। जहां एक रोड़ का टेंडर 241 करोड़ रूपए का हुआ था। जिसे 23 फीसदी बढ़ाकर मंजूर कर दिया गया है। जिससे यह टेंडर 299 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जबकि प्रदेश के अन्य शहरों में स्मार्ट सिटी के टेंडर निर्धारित दर से कम राशि पर मंजूर किए गए हैं। टेंडर में एसओआर दर निर्धारण में भी गड़बड़ी की गई है। जिसके ईओडब्लू ने प्राथमिक एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
ग्वालियर स्मार्ट सिटी की इस स्मार्ट रोड में गड़बड़ी की शिकायत संदीप शर्मा ने की थी। इस टेंडर के तहत महाराज बाड़े पर अंडर ग्राउंड पार्किंग और पैदल मार्ग का भी निर्माण किया जाना है। स्मार्ट सिटी के लिए यह टेंडर केपीएमजी कंपनी के इंजीनियर व अधिकारियों ने तैयार किया था, इसके बाद भी अधिकारियों ने इसे 23 फीसदी अधिक दर पर मंजूर कर दिया। इस टेंडर में राजस्थान, महाराष्ट्र व कर्नाटक राज्यों के एसओआर दर को शासन की बिना मंजूरी के लिया गया है। जबकि प्रदेश के एसओआर दर से टेंडर मंजूर किए जाने थे। टेंडर में कुटेशन व इस्टीमेट की दरों में भी काफी अंतर है।
बाइट- संदीप शर्मा, शिकायतकर्ता
इस संबध में संदीप शर्मा ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्मार्ट रोड के टेंडर में भारी गड़बड़ी की शिकायत पर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में की थी। जिस पर प्राथमिक एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी है। स्मार्ट सिटी ने इस 15.26 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए 241 करोड़ रुपए का टेंडर 23 फीसदी अधिक राशि पर मंजूर किया गया है। जिससे यह टेंडर 299 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जबकि प्रदेश के अन्य शहरों में स्मार्ट सिटी के टेंडर निर्धारित दर से कम राशि पर मंजूर किए गए हैं। टेंडर में एसओआर दर निर्धारण में भी गड़बड़ी की गई है। वहीं इस फर्जीवाड़े में पर स्मार्ट सिटी की सीईओ की अपनी दलील है....।

GFX IN....
- स्मार्ट रोड के टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत नगर निगम में मदाखलत इंस्पेक्टर संदीप शर्मा ने जनवरी में ईओडब्ल्यू से की है।  ईओडब्ल्यू ने मामले की जांच शुरू कर दी है। 
- शिकायत में बताया गया है कि एक ही कार्य के लिए समान आयटम को दो बार जोड़ा गया है। 
- इसकी राशि एक करोड़ 16 लाख 36 हजार रुपये की है। 
- इसी प्रकार काम्पेक्ट इलेक्ट्रिकल सब स्टेशन स्थापित करने में अलग से इंस्टालेशन, टेस्टिंग एवं कमीशनिंग के कार्य की राशि शामिल नहीं की जानी थी, लेकिन बीओक्यू में 1.905 करोड़ रुपये की राशि जोड़ी गई है। 
- 630 केवीए व 500 केवीए एवं 315 केवीए की क्षमता वाले काम्पेक्ट सब स्टेशनों को स्थापित करने के लिए 35 करोड़ 25 लाख 57 हजार रुपये के स्थान पर 37 करोड़ 29 लाख रुपये की राशि शामिल की गई है। 
- इसी प्रकार स्मार्ट रोड पर एलइडी स्ट्रीट लाइट स्थापित करने के लिए 1 करोड 96 लाख 18 हजार 800 रुपये शामिल किए गए हैं, लेकिन इस कार्य के लिए मात्र एक ही कंपनी का कुटेशन लगाया गया है। 
- इसके साथ ही आकलित राशि की तुलना में 78 लाख 37 हजार इस कार्य के अधिक जोड़े गए हैं। 82.87 करोड़ रुपये के नान एसओआर आयटम भी इस योजना में शामिल किए गए हैं।
GFX OUT....
ग्वालियर जिले में अमृत प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य सभी बड़ी योजनाओं के टेंडर कम दर पर मंजूर किए गए हैं। केवल स्मार्ट सिटी का टेंडर ही अधिक दर पर है। यह टेंडर भी दूसरे प्रयास में हुआ और पहले प्रयास में जिस कंपनी ने 40 फीसदी अधिक पर टेंडर डाला था... उसने दूसरा टेंडर 23 फीसदी अधिक पर डाला। पहली प्रकिया में कम टेंडर आने पर शर्तों को लचीला किया जाना चाहिए था। लेकिन शर्तों‌ को अधिक कड़ा कर दिया गया। जिस पर पहले से ही सवाल खड़े हो रहे है।

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