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भारत से दुश्मनी लेकर पछता रहा मालदीव, अब मांग रहा माफी

by NewsDesk - 22 Jan 24 | 225

- मालदीव मेडिकल सु‎विधा के लिए 98 फीसद भारत पर निर्भर

नई दिल्ली । भारत से दुश्मनी लेकर मालदीव अब पछता रहा है। अब स्थि‎ति ऐसी बन गई कि वहां के नेताओं के साथ-साथ आमजन भी भारत से माफी मांग रहे हैं। मामला बस यह था कि मालदीव के मंत्रियों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद से भारतीयों ने सोशल मीडिया पर मालदीव में पर्यटन का बहिष्कार करने लगे। इसमें भारत के सभी बड़े हस्ती भी शामिल हो गए। हालत ऐसा है कि अब मालदीव लोगों को मेडिकल ट्रिटमेंट के लिए भारत से गुहार लगानी पड़ रही है। मालूम हो कि मालदीव मेडिकल सु‎विधा के लिए 98 फीसद भारत पर निर्भर है। बायकॉट-मालदीव ट्रेंड होने के बाद वहां के पर्यटन पर भारी असर पड़ा है। भारत की टूरिज्म कंपनियों ने बड़े मात्रा ने टिकट को कैंसिल कर दिया। आनन फानन में मालदीव ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए जिम्मेदार तीन उप मंत्रियों को हटा दिया। इसके बाद मालदीव के कई लोगों ने एक्स पर अपना असंतोष व्यक्त करते हुए अपने भारतीय दोस्तों से माफी मांगी और भारत की नियोजित चिकित्सा यात्राओं के बारे में चिंता व्यक्त की। एक्स पर एक यूजर ने पोस्ट में लिखा है, मैं अपने सभी भारतीय दोस्तों से माफी मांगता हूं और भारत की हमारी पहले से बुक की गई पारिवारिक मेडिकल यात्रा के बारे में चिंतित हूं। चिकित्सा सहायता के लिए मालदीव की भारत पर निर्भरता की सीमा की जांच करने से द्वीप राष्ट्र के सामने आने वाली स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों का पता चला है। हालांकि प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं द्वीपों पर उपलब्ध हैं, उन्नत चिकित्सा उपचार के लिए अक्सर राजधानी माले या यहां तक कि विदेश की यात्रा की आवश्यकता पड़ती है। चिकित्सा पर्यटन के लिए मालदीव के 98 फीसदी लोग भारत को प्राथमिकता देते हैं। इसके बाद उनकी दूसरी पसंद श्रीलंका है। भारत की उन्नत चिकित्सा सुविधाएं, प्रसिद्ध डॉक्टर और तुलनात्मक रूप से सस्ती उपचार लागत के साथ-साथ इसे मालदीव में आसानी से उपलब्ध नहीं होने वाली जटिल मेडिकल ट्रिटमेंट इसे आकर्षक विकल्प बनाती है। मालदीव ने आसंधा नाम से एक सार्वजनिक रेफरल प्रणाली स्थापित की है, जो अपने नागरिकों के लिए विदेशी उपचार का वित्तपोषण करती है। इस योजना के तहत, मालदीव के मरीजों को सार्वजनिक क्षेत्र के चिकित्सकों द्वारा विशिष्ट प्रक्रियाओं के लिए विदेश यात्रा करने के लिए निर्धारित किया जा सकता है, जिसमें भारत एक प्रमुख गंतव्य है।

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