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हिमाचल में सियासी भूचाल: कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक विधायक गायब, भाजपा ने की फ्लोर टेस्ट की मांग

by NewsDesk - 28 Feb 24 | 211

शिमला। हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की और अपनी पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया। इसके बाद से सियासी गलियों में चर्चा होने लगी कि राज्य की कांग्रेस सरकार का टिकना अब कठिन हो जाएगा। 24 घंटे भी नहीं बीते कि कांग्रेस एक दर्जन से अधिक विधायक संपर्क से बाहर हो गए। अब भाजपा फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है। राज्यसभा के लिए भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के जाने-माने चेहरे अभिषेक मनु सिंघवी को हराया। इस घटनाक्रम ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के लिए मंच तैयार कर दिया। विपक्ष के नेता और अन्य भाजपा विधायकों ने आज सुबह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की और राज्य विधानसभा में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के लिए शक्ति परीक्षण की मांग की। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने मीटिंग के बाद कहा, जब हमारी संभावनाएं बहुत कम लग रही थीं, तब हमने जीत हासिल की। भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव जीता। वर्तमान में, कांग्रेस सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि मुकाबला 34-34 मतों से बराबरी पर रहा था लेकिन उसके बाद महाजन को ‘ड्रॉ’ के जरिए विजेता घोषित कर दिया गया। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है जिसके पास 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 विधायक हैं। राज्य में भाजपा के 25 विधायक हैं और तीन विधायक निर्दलीय हैं। राज्यसभा सीट का नतीजा औपचारिक रूप से घोषित होने से पहले ही भाजपा द्वारा सुखविंदर सिंह सुक्खू की 14 महीने पुरानी सरकारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चर्चा तेज हो गई थी।

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के कुछ घंटे बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि विपक्षी पार्टी बिखर रही है और उसे पता नहीं है कि उसके विधायक कहां जा रहे हैं और किसके लिए मतदान कर रहे हैं। उन्होंने इन धारणाओं को खारिज कर दिया कि भाजपा उम्मीदवार को जिताने के लिए विशेष रणनीति बनाई गई थी। शाह ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘कांग्रेस बिखर रही है। पूरा गठबंधन बिखर रहा है। वे अपने लोगों को नहीं संभाल सकते। वे अपने लोगों का सही से ख्याल नहीं रख रहे और परिणामस्वरूप बिखर रहे हैं।’’ कांग्रेस विधायकों को अगवा किये जाने के हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आरोपों पर गृह मंत्री ने पूछा कि विधानसभा परिसर में चुनाव हुआ तो यह कैसे संभव है। विपक्ष के नेता और अन्य भाजपा विधायकों ने आज सुबह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की और राज्य विधानसभा में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के लिए शक्ति परीक्षण की मांग की। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने मीटिंग के बाद कहा, जब हमारी संभावनाएं बहुत कम लग रही थीं, तब हमने जीत हासिल की। भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव जीता। वर्तमान में, कांग्रेस सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।

विधायकों की बढ़ा दी सुरक्षा

कांग्रेस के छह विधायकों के क्रॉस वोटिंग और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हिमाचल की एक राज्यसभा सीट भाजपा के खाते में चली गई है। ये विधायक हरियाणा के पंचकूला में डेरा डाले हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा के राकेश जमवाल और बिक्रम ठाकुर कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीय विधायकों के साथ मौजूद हैं। खास बात यह है कि केंद्र सरकार ने इन सभी 11 विधायकों को वाई श्रेणी का सुरक्षा कवर प्रदान किया है। सूत्रों से पता चला है कि कांग्रेस के बागी विधायकों ने प्रदेश में नेतृत्व बदलने की मांग कर डाली है। इससे मुख्यमंत्री सुक्खू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विधानसभा के बजट सत्र की दो आखिरी बैठकों में सत्तापक्ष और विपक्ष के अगले रुख पर सबकी नजरें रहेंगी। नेता प्रतिपक्ष बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं। वह राज्यपाल को अवगत करवाएंगे कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की मौजूदा सरकार ने बहुमत खो दिया है। विपक्ष सत्र के दौरान सरकार के खिलाफ अश्विस्वास प्रस्ताव भी सदन में लाने की भी तैयारी में है। इसके पीछे का गणित यह है कि कांग्रेस के व्हीप जारी करने के बावजूद भी यदि छह विधायक अविश्वास प्रस्ताव या बजट पारण के दौरान नदारद रहते हैं या व्हीप का उल्लंघन करते हैं, तो उनकी सदस्यता जा सकती है।

किसके पास कितने नंबर?

68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बहुमत के लिए 35 का आंकड़ा चाहिए। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 40 विधायक जीते थे। बीजेपी के 25 और तीन अन्य विधायकों को जीत मिली थी। अब बताया जा रहा है कि कांग्रेस के 6 से ज्यादा विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। वहीं तीन निर्दलीय भी भाजपा के साथ बताए जा रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस सरकार अपना बहुमत खोने के करीब पहुंच जाएगी।

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