- trending-title
- ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
- Thursday, Nov 21, 2024
by NewsDesk - 02 Jan 24 | 260
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म होते ही बिजली कंपनियों ने प्रदेश की जनता को 440 वॉल्ट का झटका देने की तैयारी कर ली है। कलेक्शन एफिशिएंसी में 30 फीसदी की गिरावट आई है। इसकी वजह ये है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में बिजली की दरों में 3 से 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना है। है। अगर ऐसा होता है तो इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली कंपनियों ने 3.86% दर बढ़ाने का प्रस्ताव मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के सामने रखा है। नियामक आयोग ने 22 जनवरी तक सुझाव और आपत्तियां मांगी है। जिस पर 29 से 31 जनवरी तक सुनवाई होगी। अगर ऐसा होता है तो टैरिफ में 151 से 300 यूनिट का स्लैब खत्म हो जाएगा।
बता दें कि 151 से 300 यूनिट तक खपत पर 5.23 रुपए प्रति यूनिट वसूली होती है। वहीं 300 यूनिट के बाद 6.61 रुपए प्रति यूनिट की वसूली होती है। नए प्रस्ताव के तहत 151 यूनिट ही उच्चतम स्लैब होगा। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच अध्यक्ष डॉ. पी जी नाजपांडे के अनुसार सरकार ने अपनी ओर से नियामक आयोग के पास 3 से 5 फीसदी बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। नियामक आयोग बार-बार ये कहता है कि कलेक्शन एफिशिएंसी 90 फीसदी से अधिक होनी चाहिए, लेकिन कलेक्शन एफिशिएंसी पिछले तीन महीनों से 30 फीसदी तक कम होकर लगभग 60 फीसद पर आ गई है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच अध्यक्ष डॉ. पी जी नाजपांडे ने विरोध में विद्युत नियामक आयोग में बिजली कंपनियों द्वारा बढ़ाई जा रही दर का विरोध करते हुए आपत्ति लगा दी है। कलेक्शन एफिशिएंसी का मतलब ये है कि आपका दिया हुआ बिल जमा हुआ है या नहीं। उस कलेक्शन के आधार पर रेवेन्यू तय होता है।
सरकार की तरफ से करीब 13 हजार करोड़ विभिन्न योजनाओं में लिया था, वो अब तक विद्युत् कंपनियों को नहीं मिला है। इसलिए कंपनियों का रेवेन्यू घट गया है। फाइनेंशियल मिस मैनेजमेंट के चलते बिजली दर बढ़ाने की नौबत आ गई है। नियामक आयोग ने बिजली की दरें 3% बढ़ाई तो 300 यूनिट खपत के मासिक बिल में 70 रुपये और 5% बढ़ने पर 113 रुपये देने होंगे। वहीं एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने अगले वित्तीय वर्ष में बिजली दरों में 3 से 5 प्रतिशत बढ़ोतरी के लिए विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की है। अब इस मामले में जल्द सुनवाई 29 से 31 जनवरी को होनी है। मतलब साफ़ है कि मध्यप्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को नए साल में जोरदार झटका लगने वाला है।
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24