• trending-title
  • ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
  • Friday, Nov 22, 2024

लगातार हो रहे आतंकी हमलों की वजह: जम्मू कश्मीर के लोग ही आतंकियों को दे रहे शरण?

by NewsDesk - 29 Jul 24 | 76

जम्मू कश्मीर। घर का भेदी लंका ढाह। ये कहावत जम्मू कश्मीर के उन लोगों पर सटीक बैठ रही है जो पाकिस्तान से आए आतंकियों को पनाह दे रहे हैं। सुरक्षा बलों की धरपकड़ और जांच एजेंसियों की जांच में कुछ इस तरह के इनपुट मिले हैं। गिरफ्तारियों ने जम्मू-कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों के फिर से उभरने में स्थानीय समर्थन के संदेह को बल दिया है।

पुलिस ने बताया कि सुरक्षाबलों ने अलर्ट रहकर पड़ताल की उसके बाद आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों का समर्थन करने के लिए दो ओवर ग्राउंड वर्कर्स की पहचान की गई और उन्हें गिरफ्तार किया गया। वे हैं गम्मी का बेटा लायाकत अली उर्फ पावु जो वार्ड नंबर 7 कलना धनु परोल, बिलावर, कठुआ का रहने वाला है। दूसरा मूल राज, उर्फ जेनजू, उत्तम चंद का बेटा, बाउली मोहल्ला, मल्हार, कठुआ जिले का ही निवासी।अली और राज पीर पंजाल पर्वतमाला में घनी बस्तियों के निवासी हैं जो जम्मू-कश्मीर से होकर गुजरती है। यह इलाका दक्षिण में जम्मू और उत्तर में कश्मीर घाटी से घिरा है। निवासी मीलों दूर रहते हैं। यह वह इलाका है, जहां इंटरनेट सर्विस तो दूर मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है। यहां रात में किसी के दस्तक देने का मतलब कोई आतंकवादी है, पुलिस या कोई परिवार का सदस्य।

 

स्थिति गंभीर प्रश्न उठाती है। ये पाकिस्तानी आतंकवादी इस चुनौतीपूर्ण परिदृश्य में घातक हमले करने और पकड़ से बचने के लिए कैसे मैनेज करते हैं? क्या उनके पास कोई स्थानीय समर्थन प्रणाली है, या वे गरीब ग्रामीणों को बंदूक की नोक पर धमकाकर या रुपयों का लालच देकर शरण ले रहे हैं? अधिकारियों ने लंबे समय से दावा किया है कि इन पाकिस्तानी आतंकवादियों के लिए स्थानीय समर्थन महत्वपूर्ण है, जिन्हें जगह की स्थिति की जानकारी नहीं है। एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी ने कहा, स्थलाकृति और सुरक्षा लेआउट से अपरिचित विदेशी आतंकवादी स्थानीय मार्गदर्शन के बिना प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकते हैं। वे अपने ठिकाने से एक कदम भी बाहर नहीं जा सकते। लेकिन उन्होंने अपनी जगह चुनी और वहीं पर हमला किया जो स्थानीय समर्थन और रास्ता दिखाए बिना संभव नहीं है। सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, जंगल युद्ध में प्रशिक्षित 60 से अधिक विदेशी आतंकवादी जम्मू क्षेत्र में छोटे समूहों में सक्रिय हैं। ये समूह इरीडियम सैटेलाइट फोन और थर्मल इमेजरी सहित उन्नत तकनीक से लैस हैं। वे अमेरिकी एम4 कार्बाइन जैसे हाइटेक हथियारों का उपयोग करते हैं।

Updates

+