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- Friday, Nov 22, 2024
by NewsDesk - 03 Jul 24 | 109
नई दिल्ली। मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी बहस हो गई। इस दौरान सभापति ने खरगे के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आपने कुर्सी का जितना अपमान किया है, उतना किसी ने नहीं किया। धनखड़ ने चेतावनी देते हुए कहा कि आप हर बार कुर्सी को नीचा नहीं दिखा सकते।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी अपने संबोधन में केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे थे। उन्होंने मणिपुर, काले धन और लद्दाख के मुद्दे पर केंद्र पर हमला बोला और आरोप लगाया कि सरकार ने बीते 10 वर्षों में जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया गया। प्रमोद तिवारी जब ये कह रहे थे तो कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने बीच में कुछ कहना शुरू कर दिया, जिस पर सभापति ने कड़ी आपत्ति ली। इसके बाद प्रमोद तिवारी ने फिर से अपना संबोधन शुरू करते हुए पेट्रोल डीजल के दामों के मुद्दे पर केंद्र पर हमला बोला और कहा कि दुनिया के बाजारों में तेल के दाम घटे और यहां बढ़े, इसमें प्रधानमंत्री के अपने दोस्तों यारों का कुछ है....। इस पर सभापति ने प्रमोद तिवारी को टोका कि बिना तथ्यों के आधार पर ऐसे आरोप मत लगाइए। इस दौरान फिर से जयराम रमेश ने अपनी सीट से खड़े होकर कुछ कहना शुरू कर दिया।
कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खरगे पर राज्यसभा में प्रतिक्रिया देते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, "... आप हर बार कुर्सी को नीचा नहीं दिखा सकते। आप हर बार कुर्सी का अनादर नहीं कर सकते... आप अचानक खड़े हो जाते हैं और बिना यह समझे कि मैं क्या कह रहा हूं,
इसके बाद सभापति ने फिर से जयराम रमेश के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए तंज कसा कि जयराम रमेश इतने समझदार है कि उन्हें खरगे की जगह बैठना चाहिए। इस पर खरगे ने आपत्ति ली और बराबर में बैठीं सोनिया गांधी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि 'मुझे बनाने (राज्सभा में विपक्ष का नेता) वाले यहां बैठे हैं श्रीमति सोनिया गांधी। न रमेश मुझे बना सकता है और न आप मुझे बना सकते हैं'। खरगे के इस बयान पर सभापति जगदीप धनखड़ नाराज हो गए। उन्होंने कहा 'आप हर बार कुर्सी को नीचा नहीं दिखा सकते। आप हर बार कुर्सी का अनादर नहीं कर सकते... आप अचानक खड़े हो जाते हैं और बिना यह समझे कि मैं क्या कह रहा हूं, कुछ भी बोल देते हैं। इस देश और संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में कुर्सी के प्रति इतनी अवहेलना कभी नहीं हुई, जितनी आपने की। अब आपको आत्मचिंतन करने का समय आ गया है।'
सोमवार को भी राज्यसभा में सभापति धनखड़ और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी बहस हुई थी। दरअसल खरगे ने अपने बयान में आरोप लगाया कि शिक्षण संस्थाओं पर संघ और भाजपा के लोगों ने कब्जा कर लिया है। इस पर सभापति ने आपत्ति जताई और उनके बयान को राज्यसभा की कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया। सभापति ने कहा कि क्या किसी संस्था का सदस्य होना अपराध है? आपकी बात बिल्कुल गलत है। आरएसएस का सदस्य होना क्या अपराध है? यह एक संस्था है, जो राष्ट्र के लिए काम कर रही है, देश के लिए योगदान दे रही है। इस पर खरगे ने कहा कि देश के लिए संघ की विचारधारा खतरनाक है। सभापति ने खरगे के इस बयान को भी रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया।
by NewsDesk | 28 Sep 24
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