- trending-title
- ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
- Thursday, Nov 21, 2024
by NewsDesk - 06 Mar 24 | 189
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में ग्रामीण उद्यमिता विषय पर आयोजित संगोष्ठी में शामिल हुए मंत्री पटेल
पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम विभाग मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने युवाओं से आह्वान किया कि वे भारत की पुरातन जीवन पद्धति का अनुशीलन और अनुसरण करें। वे एक बार मुड़कर अपने पुरखों का जीवन देखें और सनातन भारतीय मूल्यों पर आधारित जीवन जियें। उन्होंने कहा कि संतुष्टि के भावों से जीवन जीना एक बड़ी उपलब्धि है। मंत्री पटेल आज इंदौर जिले के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित ग्रामीण उद्यमिता विषय की संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलगुरु रेणु जैन, दयानिधि, चैतन्य और राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहें।
मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि गाँव की संस्कृति में संस्कारों का महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने कहा कि जीवन में भौतिक उपलब्धियां संतुष्टि का भाव नहीं दे सकती। हमें स्वयं के भीतर एक आध्यात्मिक यात्रा भी करनी चाहिए। मंत्री प्रहलाद पटेल ने स्वयं की नर्मदा परिक्रमा के अनेक प्रसंग सुनाए। इन प्रसंगों को सुनाते हुए पटेल भावुक भी हुए।
उन्होंने बताया कि खरगोन ज़िले के ब्राह्मण गांव में उन्होंने नर्मदा परिक्रमा की पहली भिक्षा प्राप्त की थी और पूरी परिक्रमा के दौरान भिक्षा पर ही आधारित रहे। झाड़ी के निकट शूलप्राणी घाटी में 2 दिन भूखे रहने के बाद एक वृद्ध आदिवासी ने स्वयं के हिस्से का आधा आटा परिक्रमा वासी को देने का प्रसंग सुनाते हुए उनका गला रुँध आया। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि माँ नर्मदा ढाल के विपरीत बहने वाली नदी है। हम भी जीवन मूल्यों में सनातन भारतीय जीवन मूल्यों की ताक़त के साथ धारा के विपरीत जाने में सक्षम हो सकते हैं। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे देश और समाज के लिए जियें।
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24