- trending-title
- हज यात्रियों का बिना परमिट नहीं होगा हज, नियमों का करना होगा पालन
- Tuesday, Apr 30, 2024
by NewsDesk - 17 Apr 24 | 36
अमेरिका इजराइल की मांग पर जबाव क्या दें
तेल अवीव । ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद इजराइल के जिस रक्षा कवच की चर्चा है, उसका नाम एरो मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। यह इजराइली मिसाइल डिफेंस सिस्टम अंतरिक्ष में भी ईरानी मिसाइलों के खिलाफ घातक साबित हुआ। एरो ने ईरान की कई बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में ही तबाह कर अपनी ताकत का लोहा मनवाया है।
इजराइल का एरो 3 मिसाइल डिफेंस सिस्टम लंबी दूरी तक मार करने वाली दुश्मन की मिसाइलों को अंतरिक्ष में रहने के दौरान ही मार गिराने के लिए बनाया गया है। एरो डिफेंस सिस्टम को साल 2017 में सक्रिय किया गया था और इस सिस्टम ने पिछले साल नवंबर में भी हूती विद्रोहियों की एक मिसाइल को मार गिराया था। एरो सिस्टम का जन्म इराक के 42 स्कड मिसाइल दागने के बाद हुआ था। इस एयर डिफेंस सिस्टम को इजराइल अपने खास दोस्त भारत को देना चाहता है लेकिन अमेरिका ने अड़ंगा डाल रखा है।
साल 1991 की बात है,जब इराक ने इजराइल की राजधानी तेल अवीव और हाइफा शहर पर 42 स्कड मिसाइलों से हमला किया था। इस भीषण हमले के बाद इजराइल ने एरो सिस्टम पर काम करना शुरू किया। इजराइल ने साल 2000 में एरो 2 सिस्टम को सक्रिय कर दिया था। इस सिस्टम का उद्देश्य इराक की स्कड और ईरान शहाब मिसाइलों को अंतरिक्ष में ही मार गिराना था। यह सिस्टम दुश्मन की किसी मिसाइल को इजराइली हवाई क्षेत्र से 200 किमी की दूरी पर नष्ट कर देता है। हालांकि यह काफी महंगा हैं, इसमें इंटरसेप्टर मिसाइल दागने पर 3 मिलियन डॉलर का खर्च आता है।
साल 2017 में एरो 3 को सक्रिय करने के बाद इजराइल के हाथ अब हाइपरसोनिक क्षमता आ गई है। यह बहुत बड़े इलाके की सुरक्षा करने में सक्षम है। इससे यह किसी बड़े शहर या इलाके को आसानी से सुरक्षा मुहैया कराता है। यह परमाणु बम लेकर आ रही मिसाइल को भी अंतरिक्ष में मार गिराने में सक्षम है। इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री कंपनी ने अमेरिका की मिसाइल डिफेंस एजेंसी के साथ मिलकर इस एरो सिस्टम को बनाया है।
इस कारण इजराइल दोस्त भारत को यह एयर डिफेंस सिस्टम बेचना चाहता है, लेकिन अमेरिका ने इसमें अड़ंगा लगा रखा है। आर्म्स कंट्रोल एसोशिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका यह फैसला नहीं कर पा रहा है कि वह इजराइल की मांग पर क्या जवाब दे। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अभी तक इजराइल से एरो के लिए नहीं कहा है, लेकिन नई दिल्ली एंटी मिसाइल क्षमता को बढ़ाना चाहता है। भारत ने रूस से एस 400 खरीदा है और अमेरिका से भी कई एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर बात की है। भारत को पाकिस्तान और चीन दोनों की ही मिसाइलों से बड़ा खतरा है। लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्रालय की वजह से मामला फंसा हुआ है। इसके पीछे बड़ी वजह मिसाइल तकनीक कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) संधि है। यह संधि 500 किलो के वारहेड से लैस 300 किमी से ज्यादा की दूरी तक मार करने वाली मिसाइल को देने से रोकती है। एरो सिस्टम में यह क्षमता है।
by NewsDesk | 29 Apr 24
by NewsDesk | 29 Apr 24
by NewsDesk | 29 Apr 24
by NewsDesk | 29 Apr 24
by NewsDesk | 29 Apr 24
by NewsDesk | 29 Apr 24
by NewsDesk | 29 Apr 24
by NewsDesk | 29 Apr 24
by NewsDesk | 29 Apr 24
by NewsDesk | 29 Apr 24
by NewsDesk | 29 Apr 24