- trending-title
- उत्तराखण्ड के जंगलों में लगी आग, पहाड़ी इलाकों में डरावने हालात
- Monday, May 20, 2024
by NewsDesk - 19 Mar 24 | 85
लंदन । सभ्यता की शुरुआत के साथ ही इंसान अंतरिक्ष के रहस्यों को जानने के लिए उत्सुक रहा है। इसी चाह ने इंसान को चांद तक पहुंचा दिया। लेकिन इंसान भले ही चांद तक पहुंच गया है, वैज्ञानिकों की दिलचस्पी आज भी चंद्रमा में कम नहीं हुई है। यही नहीं अंतरिक्ष की खोज में अब चंद्रमा इतना खास होने जा रहा है कि वैज्ञानिक अब वहां बेस बनाने की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इसके लिए पूरी योजना तैयार कर ली है। ब्रिटिश अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. मैगी एडरिन-पोकॉक ने चंद्रमा पर बेस के महत्व के साथ ही नासा की आर्टेमिस परियोजना और चंद्रमा पर बेस की योजना के बारे में विस्तार से बताया है।
हमारे सौरमंडल में धरती के सबसे करीब कोई पिंड है, तब वह चंद्रमा ही है। दरअसल, सौर मंडल के दूसरे हिस्से में अगर कोई मिशन भेजा जाना है, तब उसकी दूरी बहुत बढ़ जाएगी, इसके लिए मिशन की सफलता के लिए अच्छा होगा कि सीधे पृथ्वी से जाने के बजाय बीच में कोई ऐसा बेस हो जहां से मिशन को लांच किया जाए और वापस वहां सुरक्षित लौटा जा सके। इस काम के लिए चंद्रमा से बेहतर कोई जगह नहीं है। यही वजह है नासा की चांद पर एक बार फिर दिलचस्पी जागी है। नासा का आर्टेमिस मिशन के जरिए 50 साल के बाद पहली बार लोगों को चंद्रमा पर भेज रहा है।
डॉ. पोकॉक ने बताया कि नासा का आर्टेमिस मिशन इंसान को चांद पर भेज रहा है, लेकिन इसका असल उद्येश्य चंद्रमा को एक स्टेजिंग पोस्ट के रूप में इस्तेमाल करना है। एडरिन ने कहा, चूंकि चंद्रमा पृथ्वी ग्रह से छोटा है, इसलिए इसमें गुरुत्वाकर्षण कम है।
by NewsDesk | 19 May 24
by NewsDesk | 19 May 24
by NewsDesk | 19 May 24
by NewsDesk | 19 May 24
by NewsDesk | 19 May 24
by NewsDesk | 19 May 24
by NewsDesk | 19 May 24
by NewsDesk | 19 May 24
by NewsDesk | 19 May 24