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- Saturday, Nov 23, 2024
by NewsDesk - 05 May 24 | 149
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अभी भी 370 वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है...
5 अगस्त, 2019 को लिए गए फैसलों को वापस लेने की मांग पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने फिर दोहराई है जो अब कभी पूरी नहीं हो सकती है फिर भी वोटर्स को बरगलाने के लिए ये मांग दोहराई जा रही है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर के लोग अपनी विशिष्ट पहचान की रक्षा के लिए एकजुट हैं.बुधल राजौरी में कई सार्वजनिक सभाओं को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि विशेष दर्जा खत्म किया जाना जम्मू-कश्मीर के लोगों को अस्वीकार्य है, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या धर्म के हों।
‘हमारी पहचान छीन ली गई’
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘हमारी पहचान छीन ली गई. हमारा विशेष दर्जा छीन लिया गया. यह हमें अस्वीकार्य है.‘ उन्होंने कहा कि लद्दाखी और डोगरी सहित विभिन्न समुदाय क्षेत्र पर थोपे गए बदलावों के कारण निराश है और बेदखल महसूस कर रहे हैं.
‘लद्दाख के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं’
महबूबा ने कहा, ‘लद्दाख के लोग 5 अगस्त 2019 को जो कुछ हुआ, उसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. यहां तक कि वहां के व्यापारियों को भी लगता है कि उनकी जमीनें छीनी जा रही हैं और उनके पास कुछ भी नहीं बचा है. जम्मू का डोगरा समुदाय पहले उम्मीद करता था कि अनुच्छेद 370 के हटने से उसे किसी तरह से फायदा होगा, लेकिन अब वह विशेष दर्जा हटाए जाने से परेशान है, क्योंकि वहां के लोगों के संसाधन छीने जा रहे हैं.’
पीडीपी अध्यक्ष ने असहमति के दमन का हवाला देते हुए कहा कि युवा जो दिन-प्रतिदिन के मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत करते हैं, उनके खिलाफ सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) का इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां उत्पादित बिजली अन्य राज्यों में मुफ्त दी जा रही है, जबकि यहां इसकी कीमत 10 गुना बढ़ा दी गई है. गरीब लोग इतनी बड़ी बिजली की बकाया राशि कैसे चुका पाएंगे?’
‘प्रशासन पेश कर रहा अलग तस्वीर’
पूर्व सीएम ने कहा, ‘प्रशासन एक अलग तस्वीर पेश करने की कोशिश कर रहा है, जैसे कि जम्मू-कश्मीर में हर जगह दूध की धारा बह रही हो. वास्तविकता भयावह रूप से निराशाजनक है. हर बीतते दिन के साथ लोगों का हौसला कम होता जा रहा है. महबूबा ने कहा, "डोगरा समुदाय के लोगों को अपने बच्चों को डोगरी, गुज्जरों को अपने बच्चों को गूजरी, पंजाबियों को पंजाबी और कश्मीरियों को कश्मीरी बोलना सिखाना चाहिए. भाषा हमें हमारी जड़ों से जोड़े रखती है. हमें अपनी पहचान की रक्षा के लिए वो सब कुछ करना चाहिए जो कुछ भी हमारे हाथ में है।
by NewsDesk | 28 Sep 24
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