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- Sunday, Dec 22, 2024
by NewsDesk - 23 Aug 24 | 135
नई दिल्ली । भारत में मंकीपॉक्स के नए और तेजी से फैलने वाले वेरिएंट को लेकर केंद्र जल्द ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एडवाइजरी जारी करेगी। एडवाइजरी में इस नए वेरिएंट के डाइग्नोसिस, लक्षण और मैनेजमेंट के बारे में विस्तृत जानकारी होगी। हालांकि भारत में अभी तक एमपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन वैश्विक स्तर पर इस नए वेरिएंट को लेकर चिंता बढ़ दी है। अर्जेंटीना में एक मालवाहक जहाज (कार्गो शिप) को एमपॉक्स के संदिग्ध मामले के कारण क्वारंटाइन किया गया था। ये कदम तब उठाया गया जब अधिकारियों को पता चला कि भारतीय राष्ट्रीयता वाले क्रू मेंबर्स के एक सदस्य के सीने और चेहरे पर फोड़े जैसे घाव दिखाई दे रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, सतर्कता बरतते हुए संदिग्ध व्यक्ति को बाकी क्रू से अलग कर और सैन लोरेंजो बंदरगाह जा रहे जहाज को नदी में ही लंगर डालना पड़ा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 अगस्त को एमपॉक्स को दो साल में दूसरी बार ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। इसके बाद अफ्रीका में इस वायरस के एक नए वेरिएंट का पता चला, जो तेजी से फैल रहा है। अगले ही दिन, स्वीडन में क्लैड 1बी वेरिएंट के एक मामले की पुष्टि हुई। ये अफ्रीका के बाहर इस वेरिएंट का पहला केस था।
भारतीय अधिकारियों का कहना है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है और वे इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ अतुल गोयल ने बताया कि हम जल्द ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मंकीपॉक्स के नए वेरिएंट के बारे में एडवाइजरी जारी कर रहे है। उन्होंने कहा कि यह वेरिएंट ज्यादा संक्रामक और खतरनाक है। उन्होंने कहा कि पहले भी राज्यों के साथ इस बारे में बातचीत की थी। इस बार हम नए वेरिएंट पर दिशानिर्देशों को अपडेट करने और इसके लक्षणों, निदान और प्रबंधन के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले है। डॉ गोयल ने कहा कि हम एमपॉक्स वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। 32 आईसीएमआर प्रयोगशालाओं में टेस्टिंग सुविधाएं स्थापित की गई हैं। दिल्ली के तीन अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं।
डॉ गोयल ने कहा कि एमपॉक्स आमतौर पर खुद ही ठीक हो जाता है और इसके लिए इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि, कुछ मामलों में जटिलताएं हो सकती हैं, और मौतें भी हुई हैं। दो से तीन हफ्ते के अंदर, यह आमतौर पर ठीक हो जाता है। भारत में अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। वर्तमान में भारत में इसके बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना नहीं है। मंत्रालय ने उन लोगों के लिए सभी एंट्री प्वाइंट पर अलर्ट जारी किया है, जिसमें इन मामलों के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमने राज्यों से ऐसे मामलों को अलग करने और उनके प्रबंधन के लिए संस्थान स्थापित करने को भी कहा है।
by NewsDesk | 28 Sep 24
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