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अखिलेश की दो टूक: न्याय यात्रा बाद में... पहले सीट बंटवारा करें

by NewsDesk - 07 Jan 24 | 256

लखनऊ :  लोकसभा चुनाव में ज्यादा वक्त् नहीं है। समाजवादी पार्टी चुनाव की तैयारियां कर रही है। वो चाहती है कि सीट बंटवारा पहले हो जाए तो बेहतर होगा। क्योंकि किसके साथ जाना है किसके साथ नहीं जाना ये तय होने के बाद ही कुछ संभावनाएं बनेगी।उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा होती रहेगी। लेकिन पहले सीट बंटवारा तो हो जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो न्याय यात्रा को समाजवादी पार्टी सपोर्ट करने वाली नहीं है। अखिलेश ने कहा है कि इंडिया गठबंधन के सभी दल चाहते हैं कि पहले सीट बंटवारा होना चाहिए।

लोकसभा चुनाव नजदीक है और सभी पार्टियां प्रचार करने में लगी हुई है। एक तरफ अगर बीजेपी ने जमीन पर अपना जातीय समीकरण साधना शुरू कर दिया है तो दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन भी अब धीरे-धीरे फुल एक्शन में आता दिख रहा है। इस समय उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अपनी भारत न्याय यात्रा निकालने को तैयार खड़ी है। इस यात्रा के जरिए कांग्रेस का प्रयास है कि यूपी में खोई हुई जमीन को फिर हासिल किया जा सके।लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि क्या समाजवादी पार्टी भी यूपी में कांग्रेस की इस यात्रा को अपना समर्थन देगी? अब एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है। उनकी तरफ से दो टूक कहा गया है अगर यात्रा से पहले इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर सब कुछ फाइनल हो गया तो उसे स्थिति में सभी साथ आ सकेंगे।

यानी कि अखिलेश यादव की तरफ से कंडीशन साफ रख दी गई है। जब तक सीट शेयरिंग को लेकर कुछ भी फाइनल नहीं हो जाता, समाजवादी पार्टी कांग्रेस की न्याय यात्रा को समर्थन नहीं देने वाली है। उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया है सभी विपक्षी दल चाहते हैं कि सबसे पहले सीट शेयरिंग को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाए, उसके बाद कांग्रेस के साथ मजबूती से सभी दूसरे दल भी खड़े रहेंगे।

वैसे पत्रकारों से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख मायावती को लेकर भी एक बड़ा बयान दिया। असल में पत्रकारों ने अखिलेश यादव से पूछा था कि क्या इंडिया गठबंधन में मायावती को भी शामिल किया जा सकता है। इस सवाल पर अखिलेश की तरफ से एक चुटीला जवाब दिया गया। उन्होंने कहा अगर मायावती साथ आ भी गईं, क्या वे बाद में भी साथ में रहेंगी? इस बात का भरोसा कौन लेगा?अब जानकारी के लिए बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था, तब कांग्रेस भी उन दोनों दलों के साथ में थी। लेकिन चुनावी नतीजों के बाद मायावती उस गठबंधन से अलग हो गईं जिस वजह से अखिलेश यादव खासा नाराज हुए थे। माना जा रहा है इसी वजह से एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश ने मायावती की विश्वसनीयता और उनकी नियत पर सवाल उठा दिया है।कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की बात करें तो ये 12 जनवरी से शुरू होने जा रही है। इस बार की यात्रा 15 राज्यों से होकर निकलने वाली है। 6000 किलोमीटर से भी लंबी इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी कभी पद यात्रा करेंगे तो कभी बस से ट्रैवल करेंगे तो कभी गरीब किसानों के बीच में भी जनसंपर्क अभियान चलाएंगे। कांग्रेस को पूरा भरोसा है कि भारत जोड़ो यात्रा की तरह ये न्याय यात्रा भी जनता का दिल जीतने में कामयाब होगी और आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को इसका सीधा फायदा मिलेगा।

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