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  • Monday, Dec 23, 2024

(पदारोहण महोत्सव) कुंडलपुर में जैन मुनि समय सागर महाराज का भव्य पदारोहण महोत्सव आज

by NewsDesk - 16 Apr 24 | 282

देशभर से 4 सौ से ज्यादा जैन मुनि होंगे शामिल

-जैनतीर्थ में 5 लाख से अधिक श्रद्धालु जुटेंगे

-मुख्य पंडाल 7 एकड़ भू-भाग में लगाया

-आरएसएस प्रमुख भागवत होंगे मुख्य अतिथि

-सीएम मोहन यादव भी होंगे शामिल

कुंडलपुर । आचार्य विद्यासागर महाराज की तपोभूमि कुंडलपुर में मंगलवार 16 अप्रैल को आचार्य पद पदारोहण महोत्सव का आयोजन होगा। इस महोत्सव में समय सागर महाराज आचार्य विद्यासागर महाराज के उत्तराधिकारी के तौर पर आचार्य पद स्वीकार करेंगे। महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होंगे। इस महोत्सव में देशभर के 4 सौ से ज्यादा जैन मुनि शामिल होंगे।

कुंडलपुर में आयोजित होने जा रहे महोत्सव के लिए 2 सौ एकड़ भूमि पर तैयारियां की गई हैं। इस महोत्सव का मुख्य आयोजन के लिए खास पंडाल समेत भोजनशाला, बाहर से आए हुए अतिथियों के रुकने के लिए एसी रूम, डोरमेट्री समेत अन्य व्यवस्थाएं भी की गई हैं। कार्यक्रम में हिस्सा लेने देश-विदेश से श्रावकों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। एक अनुमान में मुताबिक महोत्सव में 5 लाख से अधिक लोग शामिल होंगे। ईएमएस समूह की टीम भी कुंडलपुर पहुंच चुकी है और आयोजन संबंधी तैयारियों व व्यवस्थाओं का जायजा लिया है। ईएमएस टीम ने बताया कि कुंडलपुर आचार्य पद पदारोहण महोत्सव के भव्य आयोजन का साक्षी बनने को तैयार है।

- दस फीट ऊंचे आसन पर विराजेंगे महाराज

आचार्य पद पदारोहण महोत्सव के लिए कुंडलपुर में 7 एकड़ भू-भाग पर मुख्य पंडाल का निर्माण अलग से किया गया है। यहां पर ही आचार्य पद पदारोहण का भव्य आयोजन संपन्न होगा। यह पंडाल ढाई लाख वर्गफीट में तैयार कर लिया गया है। इसके बीचों-बीच 10 फीट ऊंचे आसन पर आचार्य समय सागर महाराज विराजेंगे। इसके साथ ही वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए जमीन से 6 फीट, 5 फीट और 4 फीट की ऊंचाई पर मुनि संघ के विराजमान की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त मुख्य मंच के सीधे हाथ की तरफ माताजी विराजेंगी और उल्टे हाथ की तरफ मुख्य व विशेष अतिथियों यानी व्हीव्हीआईपी को बैठाने की व्यवस्था की गई है। इस पंडाल में एक साथ 2 लाख लोगों के बैठने की गुंजाइश है। इस पंडाल की खास बात यह है कि यहां पर 700 फीट लंबा, 8 फीट चौड़ा और 4 फीट ऊंचा एक रैंप बनाया गया है, जिस पर चलते हुए समय सागर महाराज जनता के बीच से आचार्य पद के आसन तक पहुंचेंगे और विराजमान होंगे।

 

-मुख्य द्वार बनाने जोधपुर से बुलाए कलाकार

आचार्य पद पदारोहण महोत्सव के लिए भव्य मुख्य पंडाल के साथ ही आकर्षक मुख्य द्वार बनाने के लिए जोधपुर से विशेष कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। इसके लिए राजस्थान के जोधपुर से करीब 250 कलाकार मुख्य द्वार बनाने का कार्य कर रहे हैं। मुख्य द्वार को आकर्षक बनाने जहां लाइट्स का प्रयोग किया गया है वहीं इसे गोल्डन लुक दिया जा रहा है। यह द्वार रात के समय लाइट पड़ने पर सोने की तरह नजर आएगा।

 

-एक साथ 50 हजार लोग कर सकेंगे भोजन

आचार्य पद पदारोहण महोत्सव के लिए मुख्य कार्यक्रम स्थल के करीब ही 2 भोजनशालाएं निर्मित की गई हैं। इन भोजनशालाओं में मिठाई बनाने का कार्य तो शुरू भी किया जा चुका है। इन भोजनशालाओं में लोगों के बैठाकर भोजन कराने की व्यवस्था रहेगी। एक भोजनशाला में एक साथ करीब 25 हजार से ज्यादा लोग बैठकर भोजन कर सकते हैं। बताया गया है कि भोजनशाला में सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक भोजन किया जा सकेगा। इन भोजनशालाओं में 2 लाख से ज्यादा लोगों के भोजन करने की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त भोजन के 50 हजार पैकेट भी तैयार करवाए गए हैं। इस आयोजन का कार्य अहमदाबाद की वैराग्य इवेंट्स कंपनी की देख रेख में किया जा रहा है।

 

-एसी रुम्स और डोरमेट्री तैयार

आचार्य पद पदारोहण महोत्सव का हिस्सा बनने आ रहे अतिथियों को रुकने के लिए भी बड़े स्तर पर तैयारी की गई है। इस संबंध में कंपनी के इवेंट मैनेजर इशांक जैन का कहना है कि 350 एसी रूम्स तैयार किए जा चुके हैं। ये रूम 6 बिस्तर वाले रहेंगे।

वहीं दूसरी तरफ 90 एसी डोरमेट्री बनाई गई हैं। प्रत्येक डोरमेट्री में 40 लोग रुक सकते हैं। जबकि, पांच मेजबान तैयार किए गए हैं। एक मेजबान में 600 लोगों के रुकने का इंतजाम किया गया है। मंदिर समिति की धर्मशालाओं समेत अन्य स्थलों पर भी 2500 से अधिक लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई है। इन सब के अलावा दमोह जिला मुख्यालय में भी 150 रूम्स तैयार किए गए हैं, जिनमें 3 हजार से अधिक लोग रुक सकेंगे। जैन धर्मशाला समेत एकलव्य कॉलेज और सिंधी धर्मशाला में रुम्स बनाए गए हैं। इन सब से हटकर 350 चौका भी बनाए गए हैं। इस प्रकार महोत्सव की तैयारियां पूर्णता की ओर अग्रसर हैं।

 

-महोत्सव के लिए किसानों ने दी मुफ्त जमीन

आचार्य पद पदारोहण महोत्सव के लिए तीर्थ क्षेत्र के आस-पास रहने वाले किसानों ने मंदिर समिति को नि:शुल्क जमीन उपलब्ध कराई है। इस जमीन पर ही पंडाल, एसी रूम्स, भोजनशालाएं समेत अन्य तैयारियां की गई हैं। महोत्सव के लिए नि:शुल्क जमीन उपलब्ध कराने वाले किसानों का कहना है कि आयोजन हो जाने के बाद मंदिर समिति खेतों को व्यवस्थित करा देती है, ऐसे में किसी को कोई परेशानी भी नहीं होती है। इससे पहले भी किसान धार्मिक आयोजन के लिए अपनी जमीन नि:शुल्क देते रहे हैं। गौरतलब है कि इस आयोजन के लिए तकरीबन 100 एकड़ जमीन किसानों ने नि:शुल्क उपलब्ध कराई है।

 

-वन-वे किए गए मार्ग

आचार्य पद पदारोहण महोत्सव के मद्देनजर कुच्छ मार्गों को वन-वे किया गया है। महोत्सव को देखते हुए आज सोमवार 15 अप्रैल दोपहर 12 बजे से 16 अप्रैल दोपहर 3 बजे तक समन्ना तिराहा से कुंडलपुर तक का मार्ग वन-वे किया गया है। इनमें परमिट बसों को विशेष छुट दी गई है।

इसी प्रकार 16 अप्रैल दोपहर 3 बजे से 17 अप्रैल दोपहर 12 बजे तक कुंडलपुर से समन्ना तिराहा तक का मार्ग वन-वे किया गया है। इसमें भी परमिट बसों को विशेष छूट दी गई है।

 

-पार्किंग स्थल का बेहतर इंतजाम

महोत्सव में बड़ी तादात में वाहनों के आने को देखते हुए बेहतर पार्किंग के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। इसमें 2 हजार से अधिक यात्री बसें और 5 हजार से अधिक कार पार्क किए जाने की व्यवस्था रहेगी। अन्य खुले स्थलों पर भी वाहन पार्किंग की जा सकेगी। पार्किंग को सुचारु रखने के लिए पार्किंग स्थल को अलग-अलग जोन में बांटा गया है। इसके तहत पी-1 पार्किंग में जबलपुर, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ मार्ग से आने वाले वाहन पार्क हो सकेंगे। जबकि पी-2 पार्किंग स्थल में कटनी और पन्ना मार्ग से आने वाले वाहनों की पार्किंग की जा सकेगी। इनके अतिरिक्त तीसरे जोन यानी पी-3 को रिजर्व पार्किंग बनाया गया है।

 

-इन मार्गों से पहुंच सकते हैं कुंडलपुर

महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए कुंडलपुर आने वाले लोगों के लिए मार्ग एडवाइजरी भी जारी की गई है। इसके तहत बताया गया है कि किन क्षेत्रों से आने वाले लोग किस मार्ग का उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही जो लोग जिस मार्ग से कुंडलपुर पहुंचेंगे उन्हें उसी मार्ग से वापस लौटने की समझाइश भी दी गई है।

 

जबलपुर की ओर से आने वाले वाहन इस मार्ग का कर सकेंगे उपयोग-

अभाना से मारूताल, समन्ना तिराहा, करैया फाटक, हिंडोरिया, देवडोंगरा, पटेरा, कुंडलपुर।

अभाना से मारूताल, समन्ना तिराहा, बांदकपुर फाटक चौराहा, हिंडोरिया, देवडोंगरा, पटेरा, कुंडलपुर।

अभाना से बनवार, बांदकपुर, बांदकपुर फाटक चौराहा, हिंडोरिया, देवडोगरा, पटेरा, कुंडलपुर।

अभाना से बनवार, बांदकपुर, बांदकपुर फाटक चौराहा, कुम्हारी कुंडलपुर

सिहोरा से बहोरीबंद, रैपुरा, कुम्हारी, कुंडलपुर।

 

इसी प्रकार सागर मार्ग से आने वाले वाहनों के लिए-

पावरग्रिड पॉइंट बायपास से सरदार पटेल तिराहा (ओवरब्रिज), इमलाई तिराहा, मुक्तिधाम तिराहा, बनगांव, हटा, पटेरा बायपास से कुंडलपुर।

बंडा, केरबना, बटियागढ़, नीमन तिराहा, मगरोन, हटा, पटेरा बायपास, कुंडलपुर।

 

छतरपुर-टीकमगढ़ मार्ग से आने वाले वाहनों के लिए-

बड़ामलहरा से दरगुवां तिराहा, रजपुरा, मगरोन, हटा, पटेरा, कुंडलपुर।

बड़ामलहरा से हीरापुर तिराहा, बक्सवाहा, बटियागढ़, मगरोन, हटा, पटेरा, कुंडलपुर।

 

पन्ना की ओर से आने वाले वाहनों के लिए-

अमानगंज से गन्यारी, हटा, पटेरा, कुंडलपुर।

अमानगंज से गन्यारी, बनौली, हटा, कुंडलपुर।

पबई से मोहन्द्रा, बनौली, माडवा, कुंडलपुर।

 

इसी प्रकार कटनी की ओर से आने वाले वाहनों के लिए-

रीठी से रैपुरा, कुम्हारी होते हुए कुंडलपुर पहुंचेंगे।

 

यहां भारी वाहन रहेंगे प्रतिबंधित

महोत्सव को ध्यान में रखते हुए कुंडलपुर (पटेरा) की ओर जाने वाले सभी भारी वाहनों का 17 अप्रैल दोपहर 12 बजे तक प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।

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बड़े बाबा और मुनि संघ दर्शन को श्रद्धालुओं का जमावड़ा

-देश विदेश से कुंडलपुर आए हजारों भक्तों ने किए दर्शन

-अभिषेक के साथ हुआ धर्म सभा का आयोजन

दमोह,(ईएमएस)। श्रीदिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर में रविवार 14 अप्रैल को बड़े बाबा का अभिषेक किया गया। इसी के साथ यहां पर शांति धारा एवं धर्म सभा का भी आयोजन किया गया। आयोजन में देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से हिस्सा लिया।

महासमाधिधारक आचार्य श्रीविद्यासागर जी महामुनिराज के शिष्य निर्यापक मुनिश्री समय सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य में प्रातः बेला में अभिषेक, शांतिधारा का आयोजन किया गया। यहां आचार्य श्री का महापूजन किया गया। दोपहर के समय बड़े बाबा के यहाँ विधान किया गया और धर्म सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान देश के विभिन्न नगरों से करीब 30 हजार से ज्यादा भक्त कुंडलपुर बड़े बाबा के दरबार में उपस्थित हुए। कुंडलपुर में आयोजित धर्म सभा को संबोधित कर रहे निर्यापक मुनि श्री वीर सागर जी महाराज ने धार्मिक क्रियाओं के महत्व पर प्रकाश डाला।

कुंडलपुर तीर्थ क्षेत्र में प्रतिदिन मुनि संघ की दिनचर्या इस प्रकार चल रही है-

प्रातः 6 बजे आचार्य भक्ति,

प्रातः 6:15 बजे वन विहार

प्रातः 6:45 बजे देव वंदना

प्रातः 7: 30 बजे से 8:15 बजे : स्वाध्याय,

प्रातः 8:30 से 9:30 बजे तक आचार्य श्री जी की पूजन एवं प्रवचन का आयोजन किया जा रहा है।

प्रातः 9:45 से मुनि संघ की आहारचर्या के लिए पडगाहन और आहार,

दोपहर 11:30 मुनिसंघ की ईर्यापथ भक्ति

दोपहर 12 से 1:45 बजे तक सामायिक,

दोपहर 2 बजे से सायं 5:15 बजे तक धर्म चर्चा

शाम 5:20 बजे से प्रतिक्रमण/देववन्दना

शाम 6 बजे से आचार्यभक्ति,

शाम : 6:15 बजे से वैयावृत्ति

रात्रि 7:30 बजे से सामायिक का कार्यक्रम मुनि संघ द्वारा निर्धारित किया गया है।

 

- आचार्य पद पदारोहण में ये हो रहे शामिल

आचार्य पद पदारोहण महोत्सव में शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाखों भक्त कुंडलपुर पहुंच रहे हैं। इस महोत्सव में भाग लेने के लिए मुनि संघ के अतिरिक्त 400 ब्रह्मचारिणी दीदी, 500 प्रतिभामंडल की बहनें, 700 ब्रह्मचारी भैया भी शामिल होंगे। एक बड़े पैमाने पर श्रद्धालु कुंडलपुर और दमोह पहुंच रहे हैं।

 

- होटल व धर्मशालाएं हुईं फुल

कुंडलपुर पहुंचने वाले हजारों भक्तों के कारण दमोह के समस्त होटल व धर्मशालाएं फुल हो चुकी हैं। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए समिति ने विशेष व्यवस्था भी की हुई है। जबकि दमोह, पटेरा और बांदकपुर में अनेक लोग अपने नाते-रिश्तेदारों के यहां भी रुके हुए हैं। ये लोग कुंडलपुर तीर्थ क्षेत्र पहुंचकर दर्शन करते हैं और उसके बाद फिर अपने रिश्तेदारों के यहां वापस चले जाते हैं। बड़े बाबा के दर्शन करने और मुनि संघ का आशीर्वाद ग्रहण करने के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु कुंडलपुर पहुंच रहे। इसे देखते हुए जिला एवं पुलिस प्रशासन ने बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया हुआ है।

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ये मुनी संघ कुंडलपुर में है विराजमान

महासमाधि धारक परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के द्वारा दीक्षित मुनी संघ जो वर्तमान में कुंडलपुर में विराजमान हैं। इनके साथ ही 14 अप्रैल तक 78 मुनिराज कुंडलपुर तीर्थ क्षेत्र पहुंचे हैं। इनमें निर्यापक मुनि श्री समयसागर जी महाराज, निर्यापक मुनि श्री योगसागर जी महाराज, निर्यापक मुनि श्री नियमसागर जी महाराज,

निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी महाराज, निर्यापक मुनि श्री समतासागर जी महाराज, मुनि श्री प्रमाणसागर जी महाराज, मुनि श्री पवित्रसागर जी महाराज, मुनि श्री निर्वेगसागर जी महाराज, मुनि श्री विनीतसागर जी महाराज, मुनि श्री निर्णयसागर जी महाराज, मुनि श्री प्रबुद्धसागर जी महाराज, निर्यापक मुनि श्री प्रसादसागर जी महाराज,

निर्यापक मुनि श्री अभयसागर जी महाराज, मुनि श्री अक्षयसागर जी महाराज, मुनि श्री प्रशस्तसागर जी महाराज, मुनि श्री प्रयोगसागर जी महाराज, मुनि श्री प्रबोधसागर जी महाराज मुनि श्री प्रणम्यसागर जी महाराज, मुनि श्री प्रभातसागर जी महाराज. मुनि श्री चन्द्रसागर जी महाराज, मुनि श्री अजितसागर जी महाराज, निर्यापक मुनि श्री संभवसागर जी महाराज, मुनि श्री पद्मसागर जी महाराज, मुनि श्री चन्द्रप्रभसागर जी महाराज मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज, मुनि श्री विमलसागर जी महाराज, मुनि श्री अंनतसागर जी महाराज, मुनि श्री धर्मसागर जी महाराज, मुनि श्री अरहसागर जी महाराज, मुनि श्री मल्लिसागर जी महाराज, मुनि श्री सुव्रतसागर जी महाराज, निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी महाराज, मुनि श्री आगमसागर जी महाराज मुनि श्री महासागर जी महाराज, मुनि श्री विराटसागर जी महाराज, मुनि श्री शैलसागर जी महाराज, मुनि श्री अचलसागर जी महाराज, मुनि श्री पुनीतसागर जी महाराज, मुनि श्री अविचलसागर जी महाराज, मुनि श्री विशदसागर जी महाराज, मुनि श्री सौम्यसागर जी महाराज, मुनि श्री दुर्लभसागर जी महाराज, मुनि श्री विनम्रसागर जी महाराज, मुनि श्री अतुलसागर जी महाराज, मुनि श्री भावसागर जी महाराज, मुनि श्री आनंदसागर जी महाराज, मुनि श्री सहजसागर जी महाराज, मुनि श्री निःस्वार्थ सागर जी महाराज, मुनि श्री निर्दोषसागर जी महाराज, मुनि श्री निर्लोभसागर जी महाराज, मुनि श्री नीरोगसागर जी महाराज, मुनि श्री निर्मोहसागर जी महाराज, मुनि श्री निष्पक्षसागर जी महाराज, मुनि श्री निष्पृहसागर जी महाराज, मुनि श्री निश्चलसागर जी महाराज, मुनि श्री निष्कंप सागर जी महाराज, मुनि श्री निरामयसागर जी महाराज, मुनि श्री निरापदसागर जी महाराज, मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज, मुनि श्री निरूपमसागर जी महाराज, मुनि श्री निष्काम सागर जी महाराज, मुनि श्री निरीहसागर जी महाराज, मुनि श्री निस्सीम सागर जी महाराज, मुनि श्री निर्भीकसागर जी महाराज, मुनि श्री नीरागसागर जी महाराज, मुनि श्री नीरजसागर जी महाराज, मुनि श्री निर्मद सागर जी महाराज, मुनि श्री निसर्गसागर जी महाराज,

मुनि श्री निस्संगसागर जी महाराज, मुनि श्री शीतल सागर जी महाराज, मुनि श्री शाश्वतसागर जी महाराज, मुनि श्री श्रमणसागर जी महाराज, मुनि श्री संधानसागर जी महाराज, मुनि श्री संस्कार सागर जी महाराज, मुनि श्री ओंकारसागर जी महाराज, मुनि श्री निर्ग्रन्थसागर जी महाराज, मुनि श्री निर्भान्तसागर जी महाराज, मुनि श्री निरालस सागर जी महाराज, मुनि श्री निराश्रवसागर जी महाराज मुनि श्री निराकारसागर जी महाराज, मुनि श्री निश्चिन्त सागर जी महाराज, मुनि श्री निर्माण सागर जी महाराज, मुनि श्री निशंक सागर जी महाराज, मुनि श्री निरंजन सागर जी महाराज, मुनि श्री निर्लेपसागर जी महाराज, मुनि श्री आदिसागर जी महाराज, मुनि श्री निर्दोष सागर जी महाराज, आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज (दक्षिण) से दीक्षित, मुनि श्री आदिसागर जी महाराज, मुनि श्री निर्दोष सागर जी महाराज, सहित

निर्यापक मुनि -9 कुल 78 मुनिराज कुंडलपुर तीर्थ क्षेत्र में विराजमान है।

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आर्यका माताएं भी पहुंचीं कुंडलपुर

महासमाधि धारक परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज द्वारा दीक्षित 153 आर्यका माताएँ कुंडलपुर तीर्थ क्षेत्र में विराजमान हैं।

आर्यिका श्री गुरूमति माता जी, आर्यिका श्री दृढ़मति माता जी, आर्यिका श्री मृदुमति माता जी आर्यिका श्री ऋजुमति माता जी, आर्यिका श्री तपोमति माता जी, आर्यिका श्री गुणमति माता जी, आर्यिका श्री निर्णयमति माता जी, आर्यिका श्री पावनमति माता जी, आर्यिका श्री प्रशांतमति माता जी, आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी, आर्यिका श्री अनंतमति माता जी, आर्यिका श्री विमलमति माता जी, आर्यिका श्री शुभ्रमति माता जी, आर्यिका श्री कुशलमति माता जी, आर्यिका श्री निर्मलमति माता जी, आर्यिका श्री साधुमति माता जी, आर्यिका श्री शुक्लमति माता जी, आर्यिका श्री साधनामति माता जी, आर्यिका श्री विलक्षणामति माता जी, आर्यिका श्री धारणामति माता जी, आर्यिका श्री भावनामति माता जी, आर्यिका श्री चिन्तनमति माता जी, आर्यिका श्री वैराग्यमति माता जी, आर्यिका श्री आदर्शमति माता जी, आर्यिका श्री दुर्लभमति माता जी, आर्यिका श्री अंतरमति माता जी. आर्यिका श्री अनुग्रहमति माता जी, आर्यिका श्री अक्षयमति माता जी, आर्यिका श्री अमूर्तमति माता जी, आर्यिका श्री अखंडमति माता जी, आर्यिका श्री आलोकमति माता जी, आर्यिका श्री अनुपममति माता जी, आर्यिका श्री अपूर्वमति माता जी, आर्यिका श्री अनुत्तरमति माता जी, आर्यिका श्री अनर्घमति माता जी, आर्यिका श्री अनुभवमति माता जी आर्यिका श्री सिद्धांतमति माता जी, आर्यिका श्री अकलंकमति माता जी, आर्यिका श्री निकलंकमति माता जी, आर्यिका श्री आगममति माता जी,आर्यिका श्री स्वाध्यायमति माता जी, आर्यिका श्री नम्रमति माता जी,आर्यिका श्री विनम्रमति माता जी, आर्यिका श्री अतुलमति माता जी,आर्यिका श्री विशदमति माता जी आर्यिका श्री विनतमति माता जी आर्यिका श्री विपुलमति माता जी, आर्यिका श्री मधुरमति माता जी आर्यिका श्री प्रसन्नमति माता जी, आर्यिका श्री प्रशममति माता जी,आर्यिका श्री अधिगममति माता जी, आर्यिका श्री मुदितमति माता जी, आर्यिका श्री सहजमति माता जी,आर्यिका श्री अनुगममति माता जी आर्यिका श्री अमंदमति माता जी, आर्यिका श्री अभेदमति माता जी आर्यिका श्री कैवल्यमति माता जी, आर्यिका श्री संवेगमति माता जी,आर्यिका श्री निर्वेगमति माता जी, आर्यिका श्री सूत्रमति माता जी, आर्यिका श्री सकलमति माता जी, आर्यिका श्री सविनयमति माता जी,आर्यिका श्री सतर्कमति माता जी आर्यिका श्री संयममति माता जी, आर्यिका श्री समयमति माता जी,आर्यिका श्री शोधमति माता जी,आर्यिका श्री शाश्वतमति माता जी,आर्यिका श्री सरलमति माता जी,आर्यिका श्री शीलमति माता जी, आर्यिका श्री सुशीलमति माता जी, आर्यिका श्री शैलमति माता जी,आर्यिका श्री शीतलमति माता जी,आर्यिका श्री श्वेतमति माता जी आर्यिका श्री सारमति माता जी, आर्यिका श्री सिद्धमति माता जी, आर्यिका श्री सुसिद्धमति माता जी, आर्यिका श्री विशुद्धमति माता जी, आर्थिका श्री साकारमति माता जी,आर्यिका श्री सौम्यमतिमाताजी, आर्यिका श्री सुशांतमति माता जी, आर्यिका श्री सदयमति माता जी, आर्यिका श्री समुन्नतमति माता जी, आर्यिका श्री शास्त्रमति माता जी आर्यिका श्री उपशान्तमति माता जी, आर्यिका श्री अकंपमति माता जी, आर्यिका श्री अमूल्यमति माता जी,आर्यिका श्री आराध्यमति माता जी, आर्यिका श्री ऊँकारमति माता जी, आर्यिका श्री अचिन्त्यमति माता जी,आर्यिका श्री अलोल्यमति माता जी आर्यिका श्री अनमोलमति माता जी,आर्यिका श्री उचितमति माता जी,आर्यिका श्री उद्योतमति माता जी, आर्यिका श्री आज्ञामति माता जी, आर्यिका श्री अचलमति माता जी,आर्यिका श्री स्वस्थमति माता जी,आर्यिका श्री तथ्यमति माता जी, आर्यिका श्री वात्सल्यमति माता जी आर्यिका श्री पथ्यमति माता जी, आर्यिका श्री जाग्रतमति माता जी आर्यिका श्री कर्तव्यमति माता जी आर्यिका श्री गन्तव्यमति माता जी, आर्यिका श्री संस्कारमति माता जी, आर्यिका श्री निष्काममति माता जी आर्यिका श्री विरतमति माता जी,आर्यिका श्री तथामति माता जी, आर्यिका श्री उदारमति माता जी,आर्यिका श्री विजितमति माता जी,आर्यिका श्री संतुष्टमति माता जी आर्यिका श्री निकटमति माता जी, आर्यिका श्री संवरमति माता जी,आर्यिका श्री ध्येयमति माता जी आर्यिका श्री आत्ममति माता जी,आर्यिका श्री चैत्यमति माता जी आर्यिका श्री पृथ्वीमति माता जी, आर्यिका श्री निर्मदमति माता जी, आर्यिका श्री पुनीतमति माता जी आर्यिका श्री विनीतमति माता जी, आर्यिका श्री मेरुमति माता जी आर्यिका श्री आप्तमति माता जी आर्यिका श्री उपशममति माता जी आर्यिका श्री ध्रुवमति माता जी आर्यिका श्री असीममति माता जी, आर्यिका श्री गौतममति माता जी आर्यिका श्री संयतमति माता जी आर्यिका श्री अगाधमति माता जी आर्यिका श्री निर्वाणमति माता जी, आर्यिका श्री मार्दवमति माता जी आर्यिका श्री मंगलमति माता जी आर्यिका श्री परमार्थमति माता जी आर्यिका श्री ध्यानमति माता जी आर्यिका श्री विदेहमति माता जी आर्यिका श्री अवायमति माता जी आर्यिका श्री पारमति माता जी, आर्यिका श्री आगतमति माता जी, आर्यिका श्री श्रुतमति माता जी, आर्यिका श्री अदूरमति माता जी आर्यिका श्री स्वभावमति माता जी आर्यिका श्री धवल मति माता जी,आर्यिका श्री विनयमति माता जीआर्यिका श्री समितिमति माता जी, आर्यिका श्री अमितमति माता जी आर्यिका श्री निसर्गमति माता जी आर्यिका श्री परममति माता जी आर्यिका श्री चेतनमति माता जी, आर्यिका श्री मननमति माता जी आर्यिका श्री चारित्रमति माता जी आर्यिका श्री श्रद्धामति माता जी आर्यिका श्री उत्कर्षमति माता जी आर्यिका श्री लक्ष्यमति माता जी आर्यिका श्री भक्तिमति माता आर्यिका श्री कीतिमति माता जी सहित 153 माता जी कुंडलपुर पहुंच चुकी हैं।

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