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पहले चरण की वोटिंग के दौरान EVM तोड़ी, गोलियां चली, तो कही हुआ पथराव

by NewsDesk - 20 Apr 24 | 162

दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का मतदान शुक्रवार (19 अप्रैल, 2024) शाम छह बजे संपन्न हुआ. जिस राज्य में जमकर हिंसा की घटनाएं देखने को मिलीं, वहीं पर सबसे ज्यादा मतदान भी हुआ. चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में शाम पांच बजे तक सबसे अधिक 77.57 फीसदी वोटिंग हुई, जबकि बिहार में सबसे कम सिर्फ 46.32 प्रतिशत मतदाताओं ने इतने समय तक वोट डाले. ऐसे में वोटिंग के मामले में बिहार सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से पिछड़ गया।

 

वोटिंग के बीच मणिपुर और पश्चिम बंगाल में हिंसा की कई घटनाएं देखने को मिलीं. नॉर्थ ईस्ट के राज्य में बवाल का आलम यह था कि वहां फायरिंग और हंगामे के बीच इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को तोड़कर फेंक दिया गया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस घटना से जुड़े कई वीडियो पर सामने आए, जो कि देखते ही देखते वायरल हुए. 

 

इस बीच, पश्चिम बंगाल में पथराव हुआ. वहां का कूचबिहार वोटिंग के दिन हिंसा का केंद्र बनकर उभरा. ऐसा इसलिए क्योंकि वहां पर कई घटनाओं के बाद दिनहाटा में ग्यारगरी में जमकर बवाल हुआ. आरोप है कि वहां पर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लोगों की ओर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कैंप ऑफिस पर हमला किया गया. तोड़फोड़ के साथ वहां पार्टी कार्यकर्ताओं को पीटा गया. बाद में बीजेपी ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया और विरोध जताया.

 

पश्चिम बंगाल और बिहार से इतर बाकी राज्यों के मतदान प्रतिशत की बात करें तो शाम पांच बजे तक त्रिपुरा में 76.10, असम में 70.77, पुडुचेरी में 72.84, मेघालय में 69.91, मणिपुर में 68.62, सिक्किम में 68.06, जम्मू कश्मीर में 65.08, अरुणाचल प्रदेश में 63.97, छत्तीसगढ़ में 63.41, लक्षद्वीप में 59.02, अंडमान और निकोबार द्वीप में 56.87, नागालैंड में 55.02, उत्तराखंड में 53.56 और मिजोरम में 53.03 प्रतिशत मतदान हुआ. बड़े राज्यों के वोट परसेंटेज पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश में 57.54, तमिलनाडु में 62.08, मध्य प्रदेश में 63.25, महाराष्ट्र में 54.85 और राजस्थान में 50.27 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. 

 

आम चुनाव के पहले चरण के मतदान के साथ ही कई सियासी दिग्गजों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई. इस चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटें थी, जिसमें से वीवीआईपी सीटों की संख्या बहुत बड़ी है. इस फेज की वोटिंग के पूरा होने के साथ देश के नौ केंद्रीय मंत्रियों, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों और एक पूर्व राज्यपाल की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई. 

 

पहले चरण में जिन वीवीआईपी सीटों पर सबकी नजर थी, उसमें से यूपी की कैराना, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत के साथ पश्चिम बंगाल की कूचबिहार, बिहार की गया और जमुई, महाराष्ट्र की नागपुर, मध्यप्रदेश की सीधी, जबलपुर, मांडला, छिंदवाड़ा, असम की डिब्रूगढ़ और जोरहाट, छत्तीसगढ़ की बस्तर, राजस्थान की बीकानेर, चूरू, जयपुर ग्रामीण, नागौर सीट, त्रिपुरा की त्रिपुरा पश्चिम सीट, तमिलनाडु की चेन्नई दक्षिण, श्रीपेरंबदूर, कांचीपुरम, सालेम, नीलगिरी, कोयंबटूर, शिवगंगा, उत्तराखंड की गढ़वाल और हरिद्वार के साथ ही मेघालय की तुरा सीट है.

 

 

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