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किसान आंदोलन को लेकर सरकार अलर्ट, अंबाला में धारा 144 लागू, 50 कंपनियां की गईं तैनात

by NewsDesk - 11 Feb 24 | 216

अंबाला। एक बार फिर किसान आंदोलन सरकार के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकता है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शुरु हुए इस आंदोलन को लेकर सरकार पर काफी अलर्ट है। हरियाणा के अंबाला में धारा 144 लगा दी गई है। वहीं हरियाणा पुलिस ने राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां तैनात की गई हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि किसी को भी शांति और सद्भाव बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि किसानों के दिल्ली मार्च के मद्देनजर शांति भंग करने पर किसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। पुलिस ने कहा कि पुलिस ने किसानों से अगले सप्ताह नियोजित मार्च में बिना अनुमति के भाग नहीं लेने को कहा है और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं और किसी को भी राज्य में शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। विज ने कहा, हम अपने राज्य में पूर्ण शांति सुनिश्चित करेंगे और इसे किसी भी तरह से बाधित नहीं होने देंगे।हरियाणा के डीजीपी कपूर ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि लोगों को शांति बनाए रखनी चाहिए और शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाहें नहीं फैलाई जानी चाहिए। अधिकारियों ने कहा कि व्यापक सुरक्षा व्यवस्था करने के अलावा, हरियाणा पुलिस किसानों को राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने से रोकने के लिए पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं को सील कर देगी। किसानों ने अंबाला-शंभू सीमा, खनौरी-जींद और डबवाली सीमा से दिल्ली जाने की योजना बनाई है। किसान नेताओं ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधा है। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी कर रही है और कथित तौर पर उन्हें धमकी दे रही है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब-हरियाणा सीमा को अंतरराष्ट्रीय सीमा की तरह सील किया जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित कई मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 13 फरवरी को 200 से अधिक किसान संघों द्वारा दिल्ली चलो मार्च की घोषणा की थी। हालाँकि, एसकेएम, जिसने अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के किसानों के आंदोलन का नेतृत्व किया था, दिल्ली चलो मार्च कॉल का हिस्सा नहीं था। उसने पहले ही 16 फरवरी को बंद का आह्वान किया है। केंद्रीय मंत्रियों की तीन सदस्यीय टीम ने गुरुवार शाम यहां किसान संगठनों के नेताओं के साथ विस्तृत चर्चा की। बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही दूसरे दौर की बैठक करेंगे। हालांकि, किसान नेताओं ने कहा कि 13 फरवरी को उनका प्रस्तावित दिल्ली चलो मार्च अभी भी कायम है।हरियाणा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में रैपिड एक्शन फोर्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सहित केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां तैनात की गई हैं। अधिकारी ने कहा, हम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त इंतजाम कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा, हमने 65 कंपनियों को तैनात करने का अनुरोध किया था और हमें 50 मिल गईं। अधिकारी ने बलों की तैनाती पर कहा, जहां इन बलों को तैनात करने की आवश्यकता है, हमने वह किया है।

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