- trending-title
- ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
- Sunday, Dec 22, 2024
by NewsDesk - 11 Jun 24 | 185
शासकीय सेवकों की कार्यशैली में मानवीयता एवं संवेदना जरूरी
मुख्यमंत्री ने आईएएस, आईएफएस तथा राज्य सिविल सेवा अधिकारियों के संयुक्त आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया शुभारंभ
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि शासकीय अधिकारी-कर्मचारी इस भावना से कार्य करें कि वे सरकार के नहीं समाज के सेवक हैं। उनकी कार्यशैली में मानवीयता व संवेदना का सदैव प्रकटीकरण होना चाहिए। शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों को प्राप्त अधिकार जन-आकांक्षाओं और जनहित की पूर्ति के लिए हैं और उनकी जनता के प्रति जबावदारी है। शासकीय सेवा बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करती है साथ ही यह परीक्षा भी लेती है। सामान्यत: व्यक्ति जब अधिकार संपन्न होता है तो उसमें ठहराव और स्थिरता का भाव आ जाता है, जबकि हमें निरंतर सचेत और सक्रिय रहना है। शासकीय सेवा केवल नौकरी नहीं अपितु समाज के लिए सर्वश्रेष्ठ करने की बड़ी जिम्मेदारी है। हमें जो भी भूमिका मिल रही है उसे हम पूर्ण आत्मविश्वास के साथ बेहतर से बेहतर तरीके से निभाने का प्रयत्न करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रशासन अकादमी भोपाल में भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय वन सेवा, राज्य सेवा अधिकारियों के संयुक्त आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को नई दिल्ली से ऑनलाइन संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षुओं से किया संवाद
आर.सी.पी.वी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी भोपाल में भारतीय प्रशासनिक सेवा 2023 बैच का राज्य प्रशिक्षण कार्यक्रम, भारतीय वन सेवा 2022 बैच का आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम और राज्य सिविल सेवा 2019-20 बैच का संयुक्त आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम 10 जून से आरंभ हो रहा है। प्रशासन अकादमी में कार्यक्रम का शुभारंभ अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन तथा महानिदेशक प्रशासन अकादमी श्री विनोद कुमार, अपर मुख्य सचिव वन श्री जे.एन. कंसोटिया, सचिव सामान्य प्रशासन श्रीमती जी.वी. रश्मि तथा संचालक प्रशासन अकादमी श्री मुजीबुर्रहमान ने दीप प्रज्वलित कर किया। प्रशासन अकादमी के संकल्प गीत का गायन भी हुआ। शुभारंभ अवसर पर सभी प्रशिक्षुओं ने अपना परिचय दिया।
लोकहित में किया गया कार्य ही सुशासन है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों से सुशासन के लिए कार्य करने की अपेक्षा है। उन्होंने सुशासन की व्याख्याता करते हुए कहा कि लोकहित में किया गया कार्य ही सुशासन है। भगवान श्री राम का रामराज्य तथा सम्राट विक्रमादित्य व सम्राट अशोक का कार्यकाल प्रशासनिक दक्षता और सुशासन का पर्याय माना जाते हैं। उन्होंने से कहा कि वे समय का सदुपयोग सर्वश्रेष्ठ रूप में करें और अपनी क्षमता व योग्यता के दम पर निरंतर आगे बढ़ने का प्रयास करें।
निर्भिक और निस्वार्थ रहते हुए कर्मयोगी की तरह कार्य कर अपनी पहचान बनाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रशिक्षुओं को निर्भिक और निस्वार्थ रहते हुए कर्मयोगी की तरह काम करते हुए अपनी पहचान बनाने और कार्यशैली में पारदर्शिता, ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा के बल पर अपनी आभा समाज में बिखेरने तथा नई विधाओें, नवाचारों को अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की।
भारतीय सनिक सेवा के 9, भारतीय वन सेवा के 15 और राज्य सिविल सेवा के 127 प्रशिक्षु प्राप्त करेंगे प्रशिक्षण
अपर मुख्य सचिव तथा महानिदेशक प्रशासन अकादमी विनोद कुमार ने कहा कि चयनित प्रतिभाओं को लोकसेवा के प्रति उन्मुख करना आधारभूत प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य है। प्रशिक्षण में मध्यप्रदेश की प्रशासनिक संरचना, प्रशासक प्रणाली, नियम प्रक्रियाओं को शामिल किया गया है। इसके साथ ही प्रतिभागियों को प्रदेश की सामाजिक, आर्थिक भौगोलिक एवं सांस्कृतिक पहलूओं से भी रू-ब-रू कराया जाएगा। संचालक प्रशासन अकादमी मुजीबउर्रहमान ने बताया कि संयुक्त आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 9, भारतीय वन सेवा के 15 और राज्य सिविल सेवा के 127 प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24