- trending-title
- ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
- Sunday, Dec 22, 2024
by NewsDesk - 06 Aug 24 | 108
ढाका। अमेरिका में मौजूद शेख हसीना के बेटे और पूर्व मुख्य सलाहकार सजीब वाजेद जॉय ने बातचीत में खुलासा किया है कि शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर नहीं जाना चाहती थीं। लेकिन परिवार के दबाव के बाद उन्होंने ऐसा किया। सजीब वाजेद ने बातचीत में कहा कि अब हम (बांग्लादेश) पाकिस्तान बन जाएंगे। उनका इशारा कट्टरपंथ को लेकर है। उनसे जब यह पूछा गया कि क्या उनकी मां ने देश के लिए अच्छा काम किया। इस पर उन्होंने कहा, बिल्कुल आवामी लीग अभी भी देश की सबसे लोकप्रिय पार्टी बनी हुई है। यह पूछे जाने पर कि क्या उनका वापसी का कोई प्लान है। इसे लेकर उन्होंने कहा, बिल्कुल नहीं, वह 77 साल की हैं। यह उनका आखिरी कार्यकाल होने वाला था और इसके बाद वह रिटायर होने वाले थीं।
एक इंटरव्यू में कहा कि बांग्लादेश अब पाकिस्तान जैसा हो जाएगा। उन्होंने कहा, वह वहीं रहना चाहती थीं, वह बिल्कुल भी देश नहीं छोड़ना चाहती थीं। लेकिन हमने इस बात पर जोर दिया कि यह उनके लिए सुरक्षित नहीं है। हम सबसे पहले उनकी शारीरिक सुरक्षा को लेकर चिंतित थे। इसलिए हमने उन्हें देश छोड़ने को मना किया। उन्होंने कहा, मैंने आज सुबह उनसे बात की। बांग्लादेश में अराजकता वाली स्थिति आप देख सकते हैं। वह अच्छी हैं लेकिन वह बहुत निराश हैं। यह उनके लिए निराशाजनक हैं, क्योंकि बांग्लादेश को एक विकसित राष्ट्र बनाना उनका सपना था और पिछले 15 वर्षों से उन्होंने इसे लेकर बहुत मेहनत की है। इसे उग्रवादियों और आतंक से सुरक्षित रखा और इन सबके बावजूद मुखर अल्पसंख्यक, विपक्ष, उग्रवादियों ने अब सत्ता पर कब्जा कर लिया है।
जनवरी में जीत हासिल कर वह लगातार चौथी बार सत्ता में आई थीं। लेकिन सात महीने से भी कम समय में उन्हें अपना देश छोड़ना पड़ गया। एक मिलिट्री हेलीकॉप्टर में वह अपनी बहन के साथ शरण लेने के लिए भारत पहुंचीं। हालांकि उनके बेटे ने कहा कि उन्होंने इस बारे में चर्चा नहीं कि आखिर वह अब कहां जाएंगी। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश में चुनाव होगा, लेकिन इस समय हमारी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। मुझे नहीं लगता कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कैसे होंगे। हम क्या कर सकते हैं यह हमने पहले बता दिया है। हमारे परिवार ने बांग्लादेश में विकास कर दिखाया है। अगर बांग्लादेश के लोग खड़े होने के इच्छुक नहीं हैं तो लोगों को वही नेतृत्व मिलेगा, जिसके वे हकदार हैं।
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24