• trending-title
  • ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
  • Monday, Dec 23, 2024

महंगाई बनी हिंसा की वजह: पाक अधिकृत पीओके में 31 सौ रुपए में बिकने वाला 40 किलो आटा अब 2 हजार में मिलेगा

by NewsDesk - 14 May 24 | 184

इस्लामाबाद। पाकिस्तान अधिकृत पीओके में लोग बढ़ती महंगाई से परेशान है। इसी परेशानी के चलते बीते रोज यहां आंदोलन हुआ और पुलिस ने आंसू गैस दागकर खूब लाठियां भांजी। नतीजा ये हुआ कि तीन लोगों की मौत हो गई और 6 लोग घायल हो गए। इस तरह के बिगड़े हालातों के चलते पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने 23 अरब रुपए का अनुदान पैकेज पीओके के लिए जारी कर दिया। इसके बाद भी हालातों में कोई सुधार नहीं है। अनुदान के बाद केवल फर्क इतना पड़ेगा कि जो आटा 31 सौ रुपए में 40 किलो आता था वो अब 2 हजार में आएगा। जिसमें गेहूं और बिजली की सब्सिडी शामिल है। लेकिन पीओके के लोगों का गुस्सा थमा नहीं है। शुक्रवार से चल रहा आंदोलन अब भी जारी है और इसमें शामिल जॉइंट अवामी ऐक्शन कमेटी का कहना है कि इस बारे में आज फैसला लेंगे। कमेटी का कहना है कि पीओके में खाने, ईंधन और जरूरी सामानों की कीमत बहुत ज्यादा है। मुख्य तौर पर अवामी कमेटी कारोबारियों का संगठन है, लेकिन इसे आम लोगों का भी बड़े पैमाने पर समर्थन मिल रहा है। खासतौर पर लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान पीओके के संसाधनों का दोहन कर रहा है, लेकिन वहां के नागरिक मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं।

 

दरअसल भारत ने पाकिस्तान से आने वाले उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी 200 पर्सेंट तक बढ़ा दी है। पीओके से बड़े पैमाने पर रॉक साल्ट, सीमेंट, जिप्सम आदि का भारत में आयात होता था, लेकिन कस्टम ड्यूटी बढ़ाने से कारोबार ठप है। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान का आयात 45 मिलियन डॉलर प्रति माह से घट कर 2.5 मिलियन डॉलर रह गया है। बता दें कि भारत ने 2019 में आर्टिकल 370 हटा दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान ने भारत से कारोबार पर पूरी तरह रोक लगा दी थी।पाकिस्तान में महंगाई और आर्थिक बदहाली का दौर है। ऐसी स्थिति में सुदूर इलाके तो और ज्यादा प्रभावित हैं। यही नहीं भारत के साथ कारोबार रोकने से भी पीओके जैसे क्षेत्रों के लोग आजीविका तक के लिए जूझ रहे हैं। एक तरफ कारोबार ठप होना और दूसरी तरफ बिजली, गेहूं और पेट्रोल जैसी जरूरी चीजों की महंगाई ने लोगों को त्रस्त कर रखा है। पीओके में उठा यह आंदोलन पहला नहीं है। इससे पहले अगस्त 2023 में भी आंदोलन हुआ था, लेकिन इतना हिंसक नहीं हुआ था। आमतौर पर ऐसे आंदोलन मुजफ्फराबाद तक ही सीमित होते थे, लेकिन इस बार पूरे पीओके में असर दिखा है। यहां तक कि गुस्साए लोगों ने विधानसभा समेत तमाम सरकारी इमारतों को भी घेर लिया। पाकिस्तान के हालात ऐसे हैं कि मई 2022 से अब तक उपभोक्ता महंगाई दर 20 फीसदी बढ़ चुकी है। मई 2023 में तो यह 38 पर्सेंट तक पहुंच गई थी। सबसे अहम बात यह है कि पीओके में नीलम-झेलम बिजली परियोजना है। पीओके के लोगों का कहना है कि यहां से पैदा होने वाली बिजली पंजाब जैसे राज्यों को मिल रही है, लेकिन वहीं नहीं दी जा रही। बड़े पैमाने पर बिजली कटौती होती है और दर भी बहुत ज्यादा है। यह परियोजना 2600 मेगावॉट की है।

Updates

+