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शक्कर कारखाना बंद होने के बाद सामान हुआ कबाड़ा, धीरे-धीरे नीलामी की दस्तक

by NewsDesk - 30 Aug 21 | 160

(मोo जुनेद खान)
कैलारस। शुगर फैक्ट्री कैलारस जो कभी ग्वालियर चंबल क्षेत्र की शान हुआ करती थी फैक्ट्री में करीब 12 सौ कर्मचारी कार्यरत थे जैन से कैलारस की रौनक थी करीब ग्वालियर चंबल अंचल के 20 हजार के करीब किसान परिवार गन्ना उत्पादन कर अपनी आजीविका चलाते थे शुगर फैक्ट्री 10 वर्षों से बंद पड़ी हुई है जिसके परी समापन की घोषणा सरकार द्वारा कर दी गई है फैक्टरी पर वर्करों का करोड़ों रुपया बकाया है उधर किसानों का भी एक करोड़ के करीब गन्ना भुगतान बकाया है ढाई हजार किसान इस सहकारिता की फैक्ट्री के अंश धारक भी हैं अब यह फैक्ट्री पूर्णता बंद होकर धीरे-धीरे नीलाम हो रही है उसी नीलामी के क्रम में फैक्ट्री का स्क्रैप नीलाम हुआ जिसमें हल्के से विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई जब इस संबंध में फैक्ट्री के परीसमापक सहकारिता  उपायुक्त सीपीएस भदोरिया से हमने पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा शासन ने मेरी ड्यूटी फैक्ट्री को बेचने के लिए परिसमापन  के लिए लगाई है क्योंकि फैक्टरी पर वर्करों द्वारा हाईकोर्ट में केस चल  रहा है जिसमें  करीब130 वर्करों का भुगतान फैक्ट्री के उपकरणों को बेचकर चुकाया जाना है  उसी कर्तव्य का निर्वहन हम कर रहे हैं उधर इस संबंध में फैक्ट्री के पूर्व संचालक किसान नेता गया राम सिंह धाकड़ ने अपने वक्तव्य में कहा के फैक्ट्री का जो स्क्रैप बिच  रहा है  उसमें केवल कबाड़ का सामान ही बेचा जाए कबाड़ की आड़ में कीमती सामान ना बेचा  जाए बिक रहे सामान में से किसानों का भी भुगतान किया जाए  और फैक्टरी को पुनः चालू करने का प्रयास किया जाएअन्यथा में भी आंदोलन की राह देखनी पड़ेगी उधर वहीं दूसरी तरफ स्क्रैप खरीदने वाले ठेकेदार भास्कर गुप्ता का कहना था कि जो सूची बनाई गई थी ओ सूची के आधार पर अब हमें माल नहीं दिया जा रहा परसों भी अम्माल तोलने आए थे लेकिन हमारी गाड़ी वापस लौटा दी गई जिस जिस आधार पर टेंडर हुआ है हमें उसी आधार पर माल दिया जाए ।

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