रिपोर्ट.... सचिन बहरानी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फटकार का असर दिखा कि इंदौर प्रशासन ने व्यापारियों की सुध ली। पुलिस कर्मियों की प्रताड़ना के शिकार हुए दो व्यापारियों का मामला सीएम तक पहुंचा था और इसके बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ। कमिश्नर पवन शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह और एसीपी मनीष कपूरिया की मौजूदगी में जिला प्रशासन की अहम बैठक हुई। इसमें इन वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारियों को कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर काम नहीं करने के कड़े निर्देश दिए। साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की बात भी कही।
एक तरफ सरकार इज ऑफ डूइंग बिजनेस की अवधारणा पर काम कर रही है वही नीचे के अधिकारी-कर्मचारी सरकार के इन प्रयासों को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। बीते दिनों कुछ पुलिसकर्मियों ने 2 व्यापारियों को मिलावटखोर बताते हुए उन्हें थाने बिठाया था.. जबकि इन व्यापारियों पर आरोप सिद्ध नहीं हुआ था। इसकी शिकायत व्यापारी संघ द्वारा जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से की गई। मामला संज्ञान में आने पर सीएम ने भीब नाराजगी जताई। इसके बाद कमिश्नर पवन शर्मा की अध्यक्षता में व्यापारी संघ और व्यापारियों की बैठक हुई इसमें व्यापारियों को आ रही परेशानियों पर बात हुई। मिलावटखोरी का मामला होने के बावजूद पुलिसकर्मियों ने 2 व्यापारियों को प्रताड़ित किया। जबकि फूड सैंपलिंग का काम पुलिस के अधिकार क्षेत्र का नहीं है। जिला प्रशासन ने अधिकारियों के लिए कड़े निर्देश जारी किए।
इधर पुलिस प्रशासन ने भी पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस उपायुक्त मनीष कपूरिया ने कहा कि जांच में यदि पुलिसकर्मी दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इधर व्यापारियों ने भी जिला प्रशासन के इन निर्देशों का स्वागत किया। व्यापारियों ने कहा कि उन्होंने किसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग नहीं की लेकिन यह जिम्मेदारी अब जिला प्रशासन की है कि वे दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करते हैं। बहरहाल अब देखना होगा कि इस मामले की जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और दोषियों के खिलाफ पुलिस प्रशासन क्या कार्रवाई करता है।