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हमारे पर्व- त्यौहार हमें गतिशील बनाते हैं, मन की बात में बोले PM Modi

by NewsDesk - 30 Jul 23 | 17

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविवार (30 जुलाई) को मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों से संवाद किया। मन की बात कार्यक्रम का ये 103वां एपिसोड है। प्रधानमंत्री ने आज के कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया। देशवासियों के असाधारण जज्बे की सराहना की तो मानसून की बात करते हुए पीएम मोदी ने जलसंरक्षण की भी बात की। 

कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, पिछले कुछ दिन प्राकृतिक आपदाओं के कारण चिंता और परेशानी से भरे रहे हैं। यमुना जैसी कई नदियों में बाढ़ आने से कई जगहों पर लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं भी हुई हैं। हमने इनका मिलकर मुकाबला किया। पीएम ने कहा, सर्वजन हिताय ही भारत की भावना और ताकत है। 

पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में सावन के पवित्र महीने का जिक्र किया और बताया कि भारत के तीर्थों का महत्व बढ़ा है और पूरी दुनिया से लोग इसे देखने आ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, हमारे पर्व, हमारी परंपराएं हमें गतिशील बनाते हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि सावन के महीने में देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। पूरी दुनिया से भारत के तीर्थों में श्रद्धालु आ रहे हैं। मुझे पता चला है कि अमेरिका के कैलिफोर्निया से दो दोस्त अमरनाथ यात्रा पर पर आए थे। 

पीएम मोदी ने पेंटिंग का जिक्र करते हुए कहा कि आर्टिस्ट प्रभास भाई ने एक पेंटिंग बनाई है। इस पेंटिंग में दर्शाया गया है कि छत्रपित शिवाजी महाराज जब अपनी कुलदेवी के लिए दर्शन करने जा रहे थे तो क्या माहौल था। हमें अपने धरोहरों को संजोना होगा, अगली पीढ़ी को इसे आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि राघवन जी ने तय किया कि वो अपनी पेंटिंग के जरिए जीव जंतुओं और पेड़ों के चित्र को बनाकर जानकारी को संजोने का काम करेंगे। वे दर्जनों ऐसे पशु-पक्षियों की पेंटिंग बना चुके हैं जो विलुप्त होने के कगार पर हैं। वे इनकी जानकारियों को पेंटिंग के जरिए संरक्षित करते हैं। 

अमेरिका द्वारा वापस की गई मूर्तियों को लेकर उन्होंने कहा कि ये मूर्तियां 2500 साल से लेकर 250 साल तक पुरानी कलाकृतिया हैं। उन्होंने बताया कि चोल युग की कई मूर्तियां इसमें शामिल हैं। भगवान गणेश की 1000 वर्ष पुरानी प्रतिमा, उमा महेश्वर की मूर्ति जो 1100 वर्ष पुरानी है, पत्थरों से बनी दो जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां, भगवान सूर्य देव की प्रतिमा को भी अमेरिका ने भारत को लौटाया है। इसमें एक कलाकृति 16वीं-17वीं शताब्दी की है जो समुंद्र मंथन को दर्शाती है। अमेरिकी सरकार का अभार जिन्होंने हमारी बहुमूल्य संस्कृति से जुड़ी कलाकृतियों को लौटाया है। 

देवभूमि के माताओं-बहनों के पत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि हमारी सांस्कृतिक की धरोहर रही भोजपत्र उनके जीवन जीने का साधन बनेगी। चमोली जिले की एक गांव की महिलाओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। पीएम मोदी ने कहा कि भोजपत्र पर ही महाभारत लिखा गया था। ये महिलाएं भोजपत्र पर सुंदर-सुंदर कलाकृतियां बना रही हैं। मैंने देवभूमि आने वाले पर्यटकों से अपील की थी कि ज्यादा से ज्यादा लोकल सामान खरीदें। आज भोजपत्र से बने उत्पादों को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। भोजपत्र की यह प्राचीन विरासत उत्तराखंड के महिलाओं के जीवन में नए-नए रंग भर रही है। राज्य सरकार इसके लिए महिलाओं को ट्रेनिंग भी दे रही है। साथ ही भोजपत्र को संरक्षित करने के लिए भी प्रयास कर रही है। जिन राज्यों के गावों को देश का आखिरी छोर माना गया था। अब उन गांवों को प्रथम गांव मानकर विकास किया जा रहा है। 

जम्मू कश्मीर में म्यूजिकल नाइट, चंडीगढ़ के लोकल क्लब, हाई एल्टिट्यूड पर बाइक राइडिंग। ये सुनकर लगता है मनोरंजन और रोमांच की बात हो रही है। ये आयोजन एक कॉमन कारण से भी जुड़ा हुआ है। ये कॉमन कारण है ड्रग्स के खिलाफ जागरुकता अभियान की। जम्मू कश्मीर में युवाओं को बचाने के लिए म्यूजिकल नाइट और बाइक राइडिंग की जा रही है। चंडीगढ़ के क्लब में ड्रग्स के खिलाफ अभियान चल रहा है। पंजाब में इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ये प्रयास भारत में नशे के खिलाफ अभियान में अहम योगदान देते हैं। नशा मुक्त भारत अभियान से 10 करोड़ से अधिक लोगों को जोड़ा गया है। पीएम ने कहा कि हमने करीब डेढ़ लाख किलो ड्रग्स को नष्ट करने का काम किया है। इसकी कीमत 12 हजार करोड़ रुपये थी। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के शहडोल के विचारपुर गांव को मिनी ब्राजील कहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आज ये गांव फुटबाल के उभरते सितारों का गढ़ बन गया है। कुछ सप्ताह पहले जब मैं वहां गया तो, वहां बहुत सारे फुटबॉल खिलाड़ियों से मेरी मुलाकात हुई। कई दशक पहले ये गांव अवैध शराब और नशे के लिए चर्चित था। पूर्व नेशनल प्लेयर और कोच रईस अहमद ने इन युवाओं की प्रतिभा को पहचाना और पूरी लगन से उन्होंने युवाओं को फुटबाल सीखाना शुरू कर दिया। यहां फुटबॉल इतनी पॉपुलर हो गई कि यहां के युवा इसमें भाग लेने लगे। यहां फुटबॉल क्रांति के नाम से एक कार्यक्रम चलाया जाता है, जिसमें युवाओं को फुटबॉल सीखाया जाता है। इस कार्यक्रम से राज्य और नेशनल लेवल के प्लेयर निकले हैं। बड़ी संख्या में यहां से ऐसे खिलाड़ी निकल रहे हैं जो नेशनल लेवल पर खेल रहे हैं। एक आदिवासी स्थान जो अवैध शराब और नशे के लिए जाना जाता था, आज वो फुटबॉल नर्सरी बन गया है. इसलिए कहते हैं जहां चाह, वहां राह।

पीएम मोदी ने कहा कि शहीद वीर वीरांगनाओं को सम्मान देने के लिए मेरी माटी, मेरा देश अभियान शुरू किया जाएगा। हमारे अमर बलिदानियों की याद में कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। इस अभियान के तहत गांव-गांव, कोने-कोने से 7500 कलश में माटी लेकर कल श यात्रा निकाली जाएगी। मिट्टी के अलावा पेड़ भी लाए जाएंगे। इसी के साथ दिल्ली में अमृत वाटिका का निर्माण किया जाएगा। yuva.gov.in पर सभी लोग हाथ में देश की पवित्र मिट्टी को लेकर शपथ लेते हुए सेल्फी को अपलोड करें। हर घर तिरंगा अभियान इस बार फिर चलाया जाएगा। इससे हमें आजादी के मूल्य का एहसास होगा। हर देशवासी को इस प्रयास से जरूर जुड़ना चाहिए। कुछ ही दिनों में 15 अगस्त को हम आजादी के महान त्योहार का हिस्सा बनेंगे। 

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