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यह सनक देश याद रखेगा… बीमार मनमोहन को लाने पर भड़की भाजपा; कांग्रेस-AAP ने दी संविधान की दुहाई

by NewsDesk - 09 Aug 23 | 18

नई दिल्ली। कांग्रेस व आप ने अमानवीय प‎रिस्थितियों के बावजूद मनमोहन ‎सिंह को वोट डालने के ‎दिए राज्यसभा में बुलाया। इस पर भाजपा बुंरी तरह से भड़क गई। बता दें ‎कि दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा में सोमवार को वो‎‎टिंग हुंई, जिसमें बाजी एनडीए गठबंधन के हाथ लगी। फिर भी इं‎डिया के नाम से एकजुट हुए गठबंधन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। उसे एनडीए के 131 वोटों के मुकाबले 102 ही मिले हैं, लेकिन कांग्रेस ने वोटिंग में एक-एक वोट के लिए कड़ी मशक्कत की। यहां तक कि स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे 90 वर्षीय पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को भी उसने सदन में वोट के लिए बुलाया था। पूरी बहस और वोटिंग के दौरान मनमोहन सिंह वीलचेयर पर बैठे नजर आए। इस बीच इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा ने मनमोहन सिंह को उम्र और खराब तबीयत के बाद भी सदन बुलाने को अमानवीय बताया है। 

इस पर भाजपा ने ट्वीट कर कहा कि देश कांग्रेस के इस पागलपन को याद रखेगा। भाजपा ने ट्वीट किया, याद रखेगा देश, कांग्रेस की ये सनक! कांग्रेस ने सदन में एक पूर्व प्रधानमंत्री को देर रात स्वास्थ्य की ऐसी स्थिति में भी वीलचेयर पर बैठाए रखा वो भी सिर्फ़ अपना बेईमान गठबंधन ज़िंदा रखने के लिए! बेहद शर्मनाक! वहीं इस पर जवाब देते हुए कांग्रेस ने मनमोहन सिंह के पहुंचने को संविधान के सम्मान से जोड़ा है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, लोकतंत्र के लिए डॉक्टर साहब का यह समर्पण बताता है कि वह देश के संविधान में कितनी आस्था रखते हैं। श्रीनेत ने इस बात को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के सम्मान से भी जोड़ दिया। 

उन्होंने लिखा, ऐसे वक्त में जब भाजपा ने अपने वरिष्ठों को मानसिक तौर पर कोमा में भेज दिया है तो वहीं मनमोहन सिंह हमारे लिए प्रेरणा और साहस बने हुए हैं। अपने मास्टर को बताइए कि वे कुछ सीखें। कांग्रेस के अलावा राघव चड्ढा ने भी मनमोहन सिंह की जमकर तारीफ की है। राघव ने लिखा, राज्यसभा में मनमोहन सिंह काले अध्यादेश के खिलाफ हमारे लिए एक मशाल बनकर बैठे रहे। लोकतंत्र और संविधान के लिए उनका समर्पण हमारे लिए प्रेरणा की बात है। हम उनका बहुत सम्मान और आभार व्यक्त करते हैं। धन्यवाद सर! दरअसल विपक्ष ने दिल्ली सेवा बिल को राज्यसभा में रोकने के लिए पूरी फील्डिंग जमा रखी थी, लेकिन इसके बाद भी उसे एनडीए के मुकाबले 102 वोट ही मिल सके।

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