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  • Sunday, Dec 22, 2024

China ने Japan के संवेदनशील रक्षा नेटवर्क को किया हैक, अमेरिकी अखबार ने किए कई चौंकाने वाले खुलासे

by NewsDesk - 14 Aug 23 | 59

वॉश‍िंगटन। जापान के ‎मि‎लिट्री नेटवर्क में चीनी हैकर्स जमकर सेंधमारी कर रहे हैं, जब‎कि जापान के सुरक्षा अ‎धिकारी साइबर सुरक्षा को लेकर बेहद ‎चिं‎तित नजर आ रहे हैं। इस बात का अमेर‍िका की राष्‍ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने खुलासा ‎किया है। बताया जा रहा है ‎कि यह बेहद ही चौंकाने और हैरान करने वाला मामला है। मी‎डिया में आई एक र‍िपोर्ट में सुरक्षा एजेंसी ने दावा क‍िया है क‍ि जापान से संबंध‍ित वर्गीकृत रक्षा नेटवर्क में चीनी सैन्‍य हैकरों ने सेंध लगाई थी। जापान पूर्वी एशिया में संयुक्त राज्य अमेरिका का महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार माना जाता है। अमेर‍िका ने इस बात का खुलासा भी क‍िया है क‍ि रक्षा नेटवर्क में चीनी हैकरों की सेंधमारी से इसके गंभीर प्रभाव भी पड़े। बताया जा रहा है ‎कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साइबर जासूस जापान के अत्यधिक संवेदनशील कंप्यूटर सिस्टम तक व्यापक पहुंच हासिल करने में कामयाब हो गए थे। जानकारी के अनुसार चीनी हैकरों ने नेटवर्क के भीतर एक गहरी उपस्थिति स्थापित की थी, जिसका उद्देश्य सैन्य योजनाओं, क्षमताओं और कमजोरियों के आकलन समेत किसी भी मूल्यवान जानकारी को हासिल करना प्रतीत होता था।



रक्षा सूत्रों की मानें तो तीन पूर्व वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने इस मामले का खुलासा किया है। जिन लोगों को इसके बारे में जानकारी दी गई उन्होंने इस घटना को अत्यधिक चिंताजनक माना। एक पूर्व अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा कि यह चौंकाने की हद तक बुरा था। हालां‎कि टोक्यो ने अपनी नेटवर्क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उपाय किए थे। लेकिन बीजिंग से पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिलने की वजह से सभी प्रयास नाकाम रहे। इसकी वजह से जापान के रक्षा मंत्रालय और पेंटागन के बीच प्रभावी खुफिया जानकारी साझा करने में चिंताएं बढ़ा दीं। हैकिंग की इस घटना को जापान के आधुनिक इतिहास में सबसे हानिकारक साइबर हमलों में से एक माना गया है।


मामले की जांच करने के बाद कहा जा रहा था ‎कि यह मुद्दा समय के साथ खत्म हो सकता है। खासकर जब आने वाले समय में बाइडन प्रशासन को कई जरूरी मामलों का सामना करना पड़ेगा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2020 की घुसपैठ इतनी परेशान करने वाली थी कि एनएसए और यूएस साइबर कमांड के प्रमुख जनरल पॉल नाकासोन और मैथ्यू पोटिंगर भी ‎चिं‎तित थे। हालां‎कि वे उस समय व्हाइट हाउस के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे। उन्होंने स्वयं प्रधानमंत्री को सचेत करने तथा टोक्यो में रक्षा मंत्री को इसकी जानकारी देने पहुंचे थे।

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