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  • Sunday, Dec 22, 2024

आज है Zero Shadow Day ... दोपहर इतने बजे नहीं बनेगी किसी की परछाई! जानिए ऐसा क्यों होगा?

by NewsDesk - 18 Aug 23 | 31

Zero Shadow Day यानी ऐसा दिन जब कुछ समय के लिए आपकी परछाईं भी आपका साथ छोड़ देती है। ये एक विशेष खगोलीय घटना है जो साल में दो बार घटती है. आज 18 अगस्‍त को दक्षिण भारत के कुछ हिस्‍सों के लोग इस घटना के साक्षी बनेंगे. माना जा रहा है कि आज दोपहर में करीब 12 से 1 बजे के बीच एक पल ऐसा आएगा जब करीब डेढ़ मिनट के लिए किसी भी चीज की परछाईं नहीं बनेगी। इस दिन को जीरो शैडो डे के तौर पर जाना जाता है। जीरो शैडो डे की पिछली घटना इसी साल 25 अप्रैल को हो चुकी है. अब ये 18 अगस्‍त को एक बार फिर से होने जा रही है।


ऐसा क्‍यों होता है, जानिए वजह

इस खास स्थिति की वजह पृथ्वी के घूर्णन की धुरी का झुकाव होती है, जो पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा के तल के लंबवत होने की जगह उससे 23.5 डिग्री तक झुकी होती है. इसी झुकाव के कारण सूर्य की स्थिति उत्‍तर और दक्षिण के बीच बदलती है, जिसे भारतीय संस्‍कृति में उत्‍तरायण और दक्षिणायन कहा जाता है. मतलब सूरज, दिन के अपने उच्चतम पॉइंट पर, भूमध्य रेखा के 23.5 डिग्री दक्षिण से भूमध्य रेखा (उत्तरायण) के 23.5 डिग्री उत्तर की ओर जाएगा, और एक साल में फिर से (दक्षिणायन) लौट आएगा। इस बीच एक दिन ऐसा आता है, जब सूर्य हमारे सिर के ठीक ऊपर आ जाता है. इसके कारणकोई भी सीधी या खड़ी वस्तु या प्राणी की छाया नजर नही आती. इस दिन को जीरो शैडो डे कहा जाता है।

साल में दो बार आता है ज़ीरो शैडो डे

जीरो शैडो डे साल में दो बार आता है. एक जब सूर्य उत्तर की तरफ बढ़ता है और दूसरा तब आता है, जब सूर्य दक्षिण की तरफ जाता है। इस साल एक जीरो शैडो डे की घटना 25 अप्रैल को घट चुकी है, दूसरी आज घटने जा रही है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ये घटना हमारे देश में उन जगहों या शहरों में होती है जो कर्क और मकर रेखा के बीच आते हैं। उस समय सूर्य अक्षांश रेखा के ठीक ऊपर होता है. 25 अप्रैल 2023 को ये घटना बेंगलुरु में ही घटी थी. उस दिन दोपहर करीब 12.17 मिनट पर वो विशेष क्षण आया जो लगभग अगले डेढ़ मिनट तक रहा। जीरो शैडो डे के मौके पर आपकी परछाईं कहीं जाती नहीं है, बस वो आपको दिखती नहीं है क्‍योंकि क्योंकि वह पैरों के बिल्कुल नीचे बनती है।

अलग-अलग शहरों में देखी जाती है ये घटना

कहा जाता है कि भारत में सबसे पहले कौटिल्य ने इस खगोलीय घटना का आभास किया था। तब से लेकर आज तक अलग-अलग शहरों में अलग-अलग समय पर इस घटना को देखा और समझा जाता है. जिन क्षेत्रों में जीरो शैडो होता है, वो हमेशा कर्क और मकर रेखा के बीच आने वाले इलाके होते हैं। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए, सूर्य का झुकाव उत्तरायण और दक्षिणायन दोनों के दौरान उनके अक्षांश के बराबर होता है. आज मंगलौर बंटवाल सकलेशपुर हासन बिदादी बेंगलुरु दशरहल्ली बंगारपेट कोलार वेल्लोर अरकोट अराक्कोनम श्रीपेरंबटूर तिरुवल्लुर अवाडी चेन्नई आदि स्थानों मे जीरो शैडो डे रहेगा।


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