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  • Monday, Dec 23, 2024

मछली का जबड़ा नहीं है लेकिन करती थी डायनासोर का शिकार -चूस लेती पूरी बॉडी का खून

by NewsDesk - 27 Sep 23 | 31

कैलिफ़ोर्निया। खतरनाक मछलियां कभी डायनासोर का भी शिकार किया करती थी। इस भयानक मछली का नाम पैसिफ़िक लैंप्रेज़ है, जो मछलियों के प्राचीन समूह अगनाथा से आती है। इस मछली का जबड़ा नहीं है, फिर भी इतनी खतरनाक है कि अगर किसी के पीछे पड़ जाए तो जान लेकर ही मानती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह मछली आमतौर पर उत्तरी प्रशांत महासागार के मीठे पानी वाले इलाकों में पाई जाती है। कैलिफ़ोर्निया से अलास्का तक और बेरिंग सागर से लेकर रूस और जापान तक कई जगह इसे देखा गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, खाने में यह तरल पदार्थ लेती है। आमतौर पर इसे खून चूसने का शौक है और इसी से अपना पेट भरती है। इसने डायनासोर का भी खून चूसा है।
 
मौजूदा समय में यह पैसिफिक सैल्मन, फ्लैटफिश, रॉकफिश और पैसिफिक हेक सहित अन्य मछलियों का खून और शरीर के तरल पदार्थ पीती है। पैसिफ़िक लैंप्रेज़ बेहद प्राचीन है। लगभग 45 करोड़ साल से यह धरती पर मौजूद है। ईल जैसी नजर आने वाली इस मछली के जबड़े नहीं होते, फिर भी यह काफी खूंखार है। इसके शरीर में एक भी हड्डी नहीं। इनके कंकाल पूरी तरह से उपास्थि से बने होते हैं। जबड़े के बजाय, इनके पास दांतों से घिरा एक चूसने वाला मुंह होता है, जिसका उपयोग शिकार को दबोचने और खून निकालने के लिए करती हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि लैम्प्रेज़ मांस नहीं खाते। मौजूदा समय में पैसिफ़िक लैंप्रेज़ की लगभग 40 प्रजातियां अस्तित्व में हैं। मादा लैंप्रेज एक बार में 2 लाख अंडे देती है। 

जैसे ही लार्वा अंडों से बाहर आते हैं, इन्हें पानी की तलहटी में कम से कम 10 साल के लिए दबा दिया जाता है। जब ये थोड़ी बड़ी हो जाती हैं तो पानी के निचले बहाव वाले इलाकों में जाती हैं। वहां इन्हें आसानी से खाना मिलने लगता है। 33 इंच लंबी लैंप्रेज एक बार में सैकड़ों किलोमीटर तक तैर सकती है। इनके शरीर में मांस सामान्य सैलमन मछलियों से पांच गुजना ज्यादा होता है।। साइंटिस्ट के मुताबिक, पेड़ों के अस्तित्व में आने से भी बहुत पहले इसकी मौजूदगी के प्रमाण मिलते हैं। कम से कम चार बार इसके विलुप्त होने का खतरा पैदा हुआ लेकिन ये बच गए।

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