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  • Monday, Dec 23, 2024

कृषि को अत्याधुनिक तकनीक से परिपूर्ण करने के लिये सरकार कटिबद्ध – केन्द्रीय मंत्री Tomar

by NewsDesk - 05 Oct 23 | 76

केन्द्रीय मंत्री  तोमर के मुख्य आतिथ्य में विशाल उद्यानिकी कृषि मेला आयोजित 

प्रदेश की पहली एरोपोनिक लैब व हाईटेक नर्सरी सहित 55.75 करोड़ के विकास कार्यों का हुआ भूमिपूजन एवं लोकार्पण 

फसलों को बेसहारा पशुओं से बचाने के लिये किसानों को बाँटी चैनलिंक फैंसिंग के लिए आर्थिक सहायता 

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत अपने वैज्ञानिक कौशल की बदौलत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुँच गया है। साथ ही सूरज तक पहुँचने की यात्रा सफलतापूर्वक जारी है। सरकार का प्रयास है कि हमारी खेती भी ऐसे ही तकनीकी कौशल से परिपूर्ण हो, जिससे उत्पादन के साथ किसानों की आमदनी बढ़े। उन्होंने कहा इसी कड़ी में ग्वालियर में हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी और पोटैटो टिश्यू कल्चर एरोपोनिक लैब स्थापित होने जा रही है।  तोमर ग्वालियर में आयोजित हुए विशाल उद्यानिकी कृषि मेला में बड़ी संख्या में मौजूद जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  भारत सिंह कुशवाह ने की। सांसद  विवेक नारायण शेजवलकर भी बतौर विशिष्ट अतिथि मंचासीन थे। 

बुधवार को यहाँ विक्रांत यूनिवर्सिटी परिसर में केन्द्रीय मंत्री  तोमर के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुए उद्यानिकी कृषि मेला में 55 करोड़ 75 लाख रूपए लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया गया। जिसमें हाईटेक नर्सरी, पोटैटो टिश्यू कल्चर ऐरोपोनिक लैब, संभागीय व खंड स्तरीय कृषक प्रशिक्षण केन्द्र, 37 मजरे-टोलों का विद्युतीकरण इत्यादि शामिल हैं। इस अवसर पर जिला पंचायत की अध्यक्ष दुर्गेश कुँवर सिंह जाटव, कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त लोकमाता अहिल्याबाई बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र पाल व जनपद पंचायत मुरार के अध्यक्ष  दिलराज किरार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण बतौर विशिष्ट अतिथि मंचासीन थे। साथ ही राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस के शुक्ला, उद्यानिकी विभाग की संचालक सु निधि निवेदिता एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  विवेक कुमार इस अवसर पर मौजूद थे। 

केन्द्रीय मंत्री  तोमर ने उद्यानिकी कृषि मेले को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र व राज्य में गाँव हितैषी सरकार काबिज है। दोनों सरकारें इस बात के लिये कृत संकल्पित हैं कि गाँव, गरीब व किसान के जीवन स्तर में बदलाव आए और हमारे किसान इतने सम्पन्न हों कि उनके घर में रोज दिवाली जैसा माहौल हो। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार  कुशवाह स्वयं एक किसान हैं, इसका स्वाभाविक फायदा ग्वालियर ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को मिल रहा है।  कुशवाह की पहल पर ही भारत सरकार ने ग्वालियर में केन्द्रीय बागवानी बोर्ड का कार्यालय खोला है। साथ ही उद्यानिकी से जुड़े बड़े-बड़े प्रोजेक्ट ग्वालियर में मूर्तरूप ले रहे हैं। साथ ही बेसहारा पशुओं से फसलों को बचाने के लिये ग्वालियर में भी तार फैंसिंग योजना का लाभ किसानों को मिलना शुरू हुआ है। 

उद्यानिकी के लिये बजट में 2200 करोड़ का प्रावधान 

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में पौधों की कमी दूर करने के लिये भारत सरकार ने कारगर कदम उठाए हैं। पहले भारत को अन्य देशों से पौधे आयात करने पड़ते थे पर अब ऐसी स्थिति नहीं रही है। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने इस बार के बजट में पौधों की नर्सरी के लिये 2200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। सरकार की सोच है कि साधारण व पारंपरिक खेती करने वाले किसान अपने खेतों में सेब की खेती करें। 

ग्वालियर में मिट्टी के बगैर पानी व हवा से होगा हाईब्रीड आलू बीज का उत्पादन –  कुशवाह 

प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  भारत सिंह कुशवाह ने उन्नत खेती के लिये ग्वालियर को बड़ी-बड़ी सौगातें देने के लिये केन्द्रीय मंत्री  नरेन्द्र सिंह तोमर के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि ग्वालियर प्रदेश का ऐसा पहला जिला है जहाँ 90 बीघा में लगभग 13 करोड़ रूपए की लागत से हाईटेक नर्सरी (फ्लोरी कल्चर गार्डन) का निर्माण होने जा रहा है। इसी तरह लगभग 18 करोड़ की लागत से ग्वालियर में पोटैटो टिश्यू कल्चर एरोपोनिक लैब की स्थापना होने जा रही है। इस लैब में बगैर मिट्टी के पानी व हवा से आलू के हाईब्रीड का उत्पादन होगा। इन दोनों इकाईयों से ग्वालियर की पहचान देश भर में कायम होगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिये केवल पारंपरिक खेती पर्याप्त नहीं है। इसके लिये किसानों को उद्यानिकी फसलों व फूड प्रोसेसिंग को अपनाना होगा। राज्य सरकार फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिये 25 प्रतिशत तक अनुदान देती है। साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा अनाज भण्डारगृह बनाने के लिये 35 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।  कुशवाह ने बेसहारा पशुओं से फसलों की रक्षा के लिये आरकेवाय के तहत तार फैंसिंग योजना शुरू करने के लिये भी केन्द्रीय कृषि मंत्री  तोमर के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा इस योजना के तहत तार फैंसिंग लगाने वाले किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। 

मध्यप्रदेश को आगे बढ़ाने में कृषि का बड़ा योगदान –  शेजवलकर 

सांसद  विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाले प्रदेशों में से एक है। मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से विकसित राज्य की ओर ले जाने में कृषि का भी बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा प्रदेश के छोटे से छोटे किसान समृद्धि हों, इस उद्देश्य से पारंपरिक खेती कर मोटे अनाज का उत्पादन करने वाले किसानों की सरकार मदद कर रही है। सरकार ने मोटे अनाज को “ अन्न” का नाम दिया है, जिससे विश्वभर में  अन्न के प्रति लोगों की रूचि बढ़ी है।  

इन कार्यों का हुआ भूमिपूजन एवं लोकार्पण 

केन्द्रीय मंत्री  नरेन्द्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में जिन कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन हुआ उनमें लगभग 18 करोड़ रूपए लागत की पोटैटो टिश्यू कल्चर लैब, 13 करोड़ रूपए लागत की हाईटेक नर्सरी (फ्लोरीकल्चर गार्डन) का भूमिपूजन, लगभग 96 लाख की लागत से ग्वालियर में बनकर तैयार हुए संभागीय प्रशिक्षण केन्द्र, 30 लाख रूपए की लागत से निर्मित मुरार विकासखंड के प्रशिक्षण केन्द्र, 9 करोड़ 87 लाख रूपए की लागत से ग्वालियर, मुरैना व सीहोर में नवनिर्मित इंक्यूबेशन सेंटर व लगभग 3 करोड़ 11 लाख रूपए की लागत से होने जा रहे मुरार क्षेत्र के 37 मजरे-टोलों का विद्युतीकरण कार्य शामिल हैं। इसके अलावा 8 करोड़ 72 लाख रूपए की चैन लिंक फैंसिंग कार्य का शुभारंभ भी किया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री  तोमर सहित अन्य अतिथियों ने डेढ़ करोड़ से अधिक सीड कैपिटल राशि एवं अनुदान का वितरण भी किया। साथ ही प्रशिक्षित माली एवं प्रगतिशील किसानों को प्रमाण-पत्र वितरित किए। अतिथियों ने उद्यानिकी विभाग द्वारा तैयार किए गए नर्सरी पोर्टल एवं जीआई टैग बुकलेट का विमोचन भी इस अवसर पर किया। 

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