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Tik Tok पर आपत्तिजनक सामग्री पहुंचा सकती है नुकसान

by NewsDesk - 22 Nov 23 | 20

ऑनलाइन नुकसानों से कैसे निपटें अभिभावक


मेलबोर्न । किशोरों द्वारा उपयोग किए जाने वाले शीर्ष सोशल मीडिया ऐप के रूप में, टिकटॉक पर आपत्तिजनक सामग्री की मौजूदगी युवा उपयोगकर्ताओं को नुकसान पहुंचा सकती है। जबकि टिकटॉक और नियामक मॉडरेशन की जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, यह अंततः माता-पिता और उपयोगकर्ताओं पर निर्भर है कि वे इन ऑनलाइन नुकसानों से कैसे निपटें। टिकटॉक अपने सामुदायिक दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाली सामग्री की पहचान करने और उसे हटाने के लिए स्वचालित और मानवीय प्रयास दोनों पर निर्भर करता है।

इसमें नग्नता, अश्लील साहित्य, आपत्तिजनक यौन सामग्री, गैर-सहमति वाली यौन गतिविधियां, गैर-सहमति वाली अंतरंग तस्वीरें साझा करना और यौन आग्रह शामिल हैं। टिकटॉक के सामुदायिक दिशानिर्देश कहते हैं… हम युवा लोगों द्वारा यौन गतिविधियों के लिए आकर्षक प्रदर्शन या संकेत, या किसी के द्वारा आपत्तिजनक यौन कथाओं के उपयोग की अनुमति नहीं देते हैं। हालांकि, टिकटॉक की स्वचालित मॉडरेशन प्रणाली हमेशा सटीक नहीं होती है। इसका मतलब यह है कि एलजीबीटीक्यू+ सामग्री और स्वस्थ यौन शिक्षा सामग्री जैसी लाभकारी सामग्री को गलत तरीके से हटाया जा सकता है, जबकि आपत्तिजनक, हानिकारक सामग्री दरारों से निकल जाती है।

सामग्री मॉडरेशन ‘‘एल्गोस्पीक’’ जैसी उपयोगकर्ता रणनीति द्वारा और अधिक जटिल है, जिसका उपयोग अनुचित सामग्री का पता लगाने के लिए लगाए गए एल्गोरिथम फिल्टर को ट्रिगर करने से बचने के लिए किया जाता है। इस मामले में, अल्गोस्पीक में आमतौर पर आपत्तिजनक सामग्री से जुड़े शब्दों और वाक्यांशों को बदलने के लिए इंटरनेट स्लैंग, कोड, व्यंजना या इमोजी का उपयोग शामिल हो सकता है। कई उपयोगकर्ता अल्गोस्पीक का भी सहारा लेते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि टिकटॉक का एल्गोरिथम मॉडरेशन हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए पक्षपाती और अनुचित है।

उपयोगकर्ताओं ने दोहरे मानक की सूचना दी है, जिसमें टिकटॉक ने एलजीबीटीक्यू+ समुदाय से संबंधित शैक्षिक सामग्री को दबा दिया है, जबकि हानिकारक सामग्री को सबके लिए उपलब्ध रहने दिया है। मालूम हो कि इंटरनेट और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री लंबे समय से चर्चा का विषय रही है और युवाओं का इससे संपर्क एक निरंतर चिंता का विषय बना हुआ है। टिकटॉक के जबरदस्त उछाल के साथ यह मुद्दा फिर से केंद्र में आ गया है।

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