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  • Tuesday, Dec 24, 2024

राष्ट्रहित के विपरीत मोदी को विवश नहीं किया जा सकता : Putin

by NewsDesk - 08 Dec 23 | 9

रुस-भारत संबंध सभी दिशाओं में विकसित हो रहे


भारत द्वारा अपनाई गई नीति दोनों देशों के बीच संबंधों की मुख्य ‘गारंटी’

मास्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है ‎कि राष्ट्रीय हितों के विपरीत निर्णय लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विवश नहीं किया जा सकता। गुरुवार को 14वें वीटीबी इन्वेस्टमेंट फोरम ‘रूस कॉलिंग’ के दौरान रुसी राष्ट्रप‎ति ने कहा ‎कि जब राष्ट्रीय हितों की रक्षा की बात आती है तो पीएम मोदी के सख्त रुख की सराहना की जाती है। मैं कल्पना नहीं कर सकता कि मोदी को कोई भी कार्य, कदम और निर्णय लेने के लिए डराया, धमकाया या मजबूर किया जा सकता है जो भारत और भारतीय लोगों के राष्ट्रीय हितों के विपरीत हो।


रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, ‎कि मैं सिर्फ यह देखता हूं कि बाहर क्या हो रहा है लेकिन ईमानदारी से कहूं तो, मैं भारतीय राज्य के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए पीएम मोदी के सख्त रुख से आश्चर्यचकित होता हूं। भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को रेखांकित करते हुए पुतिन ने कहा, ‎कि दोनों देशों के बीच संबंध सभी दिशाओं में विकसित हो रहे हैं।” रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा अपनाई गई ‘नीति’ दोनों देशों के बीच संबंधों की मुख्य ‘गारंटी’ है। द्विपक्षीय व्यापार के विस्तार में तेजी लाने के लिए दोनों देशों की भू‎मिका के बारे में पूछे गये सवाल पर पुतिन ने कहा ‎कि रूस और भारत के बीच संबंध सभी दिशाओं में विकसित हो रहे हैं, और इसकी मुख्य गारंटी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपनाई गई नीति है। भारत और रूस के बीच व्यापार कारोबार बढ़ रहा है, पिछले साल यह प्रति वर्ष 35 बिलियन डॉलर था और इस साल की पहली छमाही में ही यह 33.5 बिलियन डॉलर था, यानी कि वृद्धि होगी। हम समझते हैं कि रूसी ऊर्जा संसाधनों पर छूट के कारण काफी हद तक भारत को प्राथमिकताएं मिलती हैं।

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