- trending-title
- ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
- Monday, Dec 23, 2024
by NewsDesk - 27 Jul 24 | 135
3500 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव हुए प्राप्त, सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा
मप्र में निवेश क्रांति का हिस्सा बनें तमिलनाडु के उद्योगपति
- फ्यूचर रेडी मप्र में सरकार का सहयोग और जनता का साथ औद्योगिक विकास का है आधार
-निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए कोयम्बटूर में खोला जाएगा प्रदेश का उद्योग कार्यालय
भोपाल। दक्षिण भारत के प्रमुख औद्योगिक केंद्र कोयम्बटूर में इन्वेस्ट एमपी-इंटरेक्टिव सत्र का गुरूवार को आयोजन किया गया। सत्र में 1200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भागीदारी की तथा मप्र में निवेश के लिए 3500 करोड़ रुपए से अधिक निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मप्र में निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए कोयम्बटूर तमिलनाडु में मप्र का एक उद्योग कार्यालय खोला जाएगा। यह कार्यालय मप्र और तमिलनाडु के बीच व्यापार और व्यवसाय बढ़ाने के लिए सेतु का काम करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल में 7-8 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाएगा। मैं आपको प्रदेश में चल रही निवेश क्रांति का हिस्सा बनने का निमंत्रण देने आया हूं। मुझे विश्वास है कि मप्र में उपलब्ध अपार अवसरों का लाभ उठाते हुए विकसित भारत के साथ ही विकसित मप्र के विजन को साकार करने में आप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर समिट का एक उद्देश्य यह भी है कि व्यापार और व्यवसाय के आधार पर विभिन्न प्रदेश परस्पर नजदीक आएं और हम मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाने की दिशा में संकल्पित होकर कार्य करें। यहां के उद्योगपतियों ने कोयम्बटूर और त्रिपुर को अपने बलबूते पर इंडस्ट्रियल हब के रूप में स्थापित किया है, अब मप्र आपको बुला रहा है, हम आपको व्यापार व्यवसाय बढ़ाने के नए अवसर देने और प्रेम बांटते हुए मप्र एवं तमिलनाडु के संबंधों को अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से यहां आए हैं।
वर्ष 2025 उद्योग वर्ष के रूप मनाया जाएगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मप्र में भी टैक्सटाइल एवं गारमेंट इंडस्ट्री, ऑटोमोबाइल एवं इंजीनियरिंग उद्योग तेजी से विकसित हो रहे हैं। मप्र में इन क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। उद्योगपतियों के लिए मप्र में निवेश कर अपने व्यापार-व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का यह सबसे उपयुक्त समय है। मप्र में निवेश के हर पहलू का ध्यान रखा गया है। मप्र फ्यूचर रेडी प्रदेश है, यहाँ संभावनाओं के साथ सरकार का सहयोग एवं जनता का साथ है। आजादी के अमृतकाल को मप्र का भाग्योदयकाल बनाने के लिए हम प्रदेश के उद्योग धंधों को वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा बनाने के विजन पर काम कर रहे हैं। प्रदेश में उद्योगों की स्थापना और विकास के लिए राज्य सरकार सतत प्रयासरत है। इस दिशा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के जरिये प्रदेश के हर क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन की नई पहल शुरू की गई है।
टैक्सटाइल के लिए मप्र का इको-सिस्टम अनुकूल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि टैक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए राज्य का इको-सिस्टम अत्यंत अनुकूल है। वृहद श्रेणी के गारमेंट उद्योगों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश में लागू विशेष रेडीमेड गारमेंट पॉलिसी में स्थाई पूंजी निवेश के 200 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता का प्रावधान है। टैक्सटाइल इंडस्ट्री की बदलती जरूरतों के अनुरूप मानव संसाधन तैयार करने के लिए जबलपुर शहर में अति आधुनिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर की शुरुआत की जा रही है और स्किल एवं क्लस्टर डेवलपमेंट में सहायता के लिए तिरूपुर एक्सपोर्ट एसोसिएशन के साथ भी एमओयू किया गया है। मप्र, देश में टैक्सटाइल और गारमेंट उद्योग को सर्वोत्तम वित्तीय लाभ का पैकेज दे रहा है। उन्होंने कहा कि कॉटन की उपलब्धता, सस्ती भूमि और आकर्षक वित्तीय लाभों के कारण देश की बड़ी टेक्सटाइल कंपनियाँ मप्र की तरफ आकर्षित हो रही हैं। यह गर्व का विषय है कि प्रदेश के धार जिले में पीएम मित्र इंटीग्रेटेट मेगा टैक्सटाइल पार्क को स्वीकृति मिली है।
मप्र है डेवलपमेंट फ्रेंडली
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य को खनिज-वन-जल और पर्यटन सम्पदा का भरपूर उपहार मिला है। उद्योगों की स्थापना और निवेश के लिए मप्र पीपुल्स फ्रेंडली, डेवलपमेंट फ्रेंडली और एनवायरनमेंट फ्रेंडली डेस्टीनेशन है। प्रदेश की अन्य राज्यों से कनेक्टिविटी अच्छी है, प्रदेश के इंडस्ट्रियल कोरिडोर्स से विभिन्न एक्सप्रेस-वे गुजर रहे हैं। प्रदेश विद्युत सरप्लस स्टेट है, उद्योगों के लिए पर्याप्त लैंड बैंक की भी उपलब्धता है और यहाँ क्लीन व ग्रीन एनर्जी का भंडार है। राज्य में 320 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र, 10 फूड पाक्र्स 5 आईटी एसईजेड, 2 स्पाइस पाक्र्स, 2 मल्टी प्रोडक्ट एसईजेड, तथा 2 प्लास्टिक पाक्र्स हैं। नए औद्योगिक पार्कों एवं एसईजेड की स्थापना की जा रही है।
चार विभागों द्वारा दिए गए प्रजेन्टेशन
इंटरेक्टिव सत्र में हुए प्रस्तुतीकरण में प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र कुमार सिंह ने प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन और औद्योगिक गतिविधियों के लिए उपलब्ध संरचना, शासन की ओर से सुविधाओं व औद्योगिक नीति के संबंध में चर्चा की। सचिव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग डॉ. नवनीत कोठारी ने प्रदेश में एमएसएमई के लिए बन रहे क्लस्टर और विकास संभावनाओं की जानकारी दी। प्रबंध संचालक पर्यटन विकास निगम टी. इलैया राजा ने प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में गतिविधियों के विस्तार विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रजेन्टेशन दिया गया। सत्र में मप्र में रूचि रखने वाले कोयम्बटूर सहित चैन्नई व तिरूपुर के निवेशकों ने सहभागीता की। कार्यक्रम में तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, द सदर्न इंडियन मिल्स एसोसिएशन, द साउथ इंडिया स्पिनर्स एसोसिएशन, इंडियन कॉटन फेडरेशन, द सदर्न इंडिया इंजीनियरिंग मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन, अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल, इंडियन टेक्सप्रेनर्स फेडरेशन सहित 20 से अधिक स्थानीय औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
तीन एमओयू पर हुए हस्ताक्षर
इंटरेक्टिव सत्र में 25 से अधिक उद्योगपतियों तथा 4 प्रमुख उद्योग संगठनों के साथ वन-टू-वन बैठक की गई साथ ही राज्य के एक जिला-एक उत्पाद के संबंध में भी जानकारी का प्रसार किया गया। इसके साथ ही इंडियन कॉटन कारपोरेशन के साथ प्रदेश में इएलएस कॉटन के उत्पादन और रकबे को बढ़ावा देने के लिए नॉलेज शेयरिंग और प्रदेश में स्क्लिड मैन पॉवर की उपलब्धता को बढ़ाने तथा टैक्सटाइल क्लस्टर स्थापित करने के लिए तिरुपुर एक्सपोर्ट एसोसिएशन के साथ नॉलेज शेयरिंग संबंधी एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। मप्र में कपास की खेती को बढ़ावा देने और रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट शेयरिंग के लिए साउथ इंडिया मिल्स एसोसिएशन के साथ भी एमओयू हुआ।
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24