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  • Saturday, Apr 27, 2024

विश्व महिला दिवस के अवसर पर क्लब लाॅरियल्स एवं प्रगति विद्या पीठ ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में जागरूकता सेमिनार एवं चिकित्सकीय जांच शिविर आयोजित

by NewsDesk - 07 Mar 24 | 237

ग्वालियर: बुधवार को विश्व महिला दिवस को रेखांकित करते हुए रोटरी क्लब लाॅरियल्स ग्वालियर एवं प्रगति विद्या पीठ ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में एक जागरूकता सेमिनार एवं चिकित्सकीय जांच शिविर दोनों का आयोजन किया। इस कार्यक्रम द्वय में ग्वालियर शहर की सम्मानित एवं सम्भ्रांत महिलाओं ने शामिल होकर कार्यक्रम को सफल बनाया। 

कार्यक्रम में कार्यक्रम-आयोजक-समिति के पदाधिकारियों में से रोटेरियन अर्चना श्रीवास्तव (डायरेक्टर, प्रगति विद्या पीठ), रोटेरियन अंकिता सेवानी, रोटेरियन मेघा आहूजा, रोटेरियन सुशीला साबू, रोटेरियन मेघा नावानी उपस्थित रहे। 

 

मुख्य अतिथियों में डॉ. गुंजन श्रीवास्तव (मेडिकल आन्कोलाजिस्ट), डॉ. मोनिका दीवान (गायनेकोऑन्कोलाजिस्ट), डॉ. सीमा शिवहरे (चिकित्साधिकारी) उपस्थित रहे। 

 

विशिष्ट अतिथियों में कविता सोनी (भाजपा नेत्री), रितु बाफना एवं मीरा श्रीवास्तव जी (कैंसर योद्धा एवं नर्सिंग कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन अधिकारी) उपस्थित रहे। 

 

अवेयरनेस सेशन में डॉ. गुंजन श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कैंसर क्या है और कैसे फैलता है बताया  उन्होंने कहा कि कैंसर एक महामारी का रूप लेती जा रही है। उन्होंने बहुत सारे रिसर्च पेपर्स एवं विभिन्न आंकड़ों की मदद से कैंसर के विषय में समझाया कि हर 9 में से 1 व्यक्ति को कैंसर होने की पूरी संभावना है और इससे निजात पाने के लिए बीमार न होने पर भी नियमित जांच व परामर्श (स्क्रीनिंग) कराने से एवं एच. पी. व्ही. टीकाकरण से कैंसर को जड़ मिटाया जा सकता है। 

 

डॉ. सीमा शिवहरे जी ने कैंसर क्या है और कैसे फैलता है बताया और सिर एवं गला कैंसर के कारणों, लक्षणों, अवस्थाओं, डायग्नोसिस एवं उपचार के विषय में बताकर स्तन तथा मुख व गला कैंसर पर केन्द्रित रहते हुए अपनी बात रखी। 

 

डॉ. मोनिका दीवान ने अपने उद्बोधन में गर्भाशय मुख कैंसर को समझने के एक मरीज की कहानी के माध्यम से विस्तार से बताया। 

 

निरामई (NIRAMAI) की एक अद्भुत एवं प्रभावी तकनीक जिसे थर्मालायटिक्स स्क्रीनिंग (Thermalytix Screening) जो ग्वालियर में पहली बार कैंसर हॉस्पिटल एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट ग्वालियर के माध्यम से पहली बार प्रयोग करते हुए 60 से भी अधिक महिलाओं का स्तन परीक्षण किया गया। इस तकनीक में छूने की, देखने की, जरूरत नहीं होती है और विकिरण (जैसे x-ray) की आवश्यकता नहीं होती। इस तकनीक से दर्द बिल्कुल भी नहीं होता।

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