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- Monday, Dec 23, 2024
by NewsDesk - 04 Jul 24 | 119
नई दिल्ली । भारत में गरीबी तेजी से घट रही है और इससे आंकड़ों में बड़ी गिरावट आई है। एक नए सर्वे के मुताबिक 2011-12 से लेकर अब तक गरीबी 21फीसदी से घटकर 8.5फीसदी रह गई है। इस सर्वे में यह भी बताया है कि पीढ़ी दर पीढ़ी गरीबी में कमी आई है लेकिन ऐसे लोगों अनुपात ज्यादा है जो जीवन में किसी त्रासदी के कारण वापस गरीबी में जा सकते हैं।
इस सर्वे में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी अनुपात में तेजी से गिरावट आई है और यह 2011-12 में 24.8 फीसदी से घटकर अब 8.6फीसदी हो गई है। वहीं, शहरी क्षेत्रों में गरीबी 13.4 फीसदी से घटकर 8.4 फीसदी पर आ गई है। यह अनुमान एसबीआई रिसर्च से ज्यादा है, जिसने ग्रामीण गरीबी 7.2फीसदी और शहरी गरीबी 4.6फीसदी की कमी का अनुमान लगाया था।
मार्च महीने में आरबीआई के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन और अर्थशास्त्री एस महेंद्र देव ने एचसीईएस के आधार पर अनुमान लगाया था कि 2011-12 की तुलना में 2022-23 में भारत की गरीबी दर घटकर 10.8फीसदी हो जाएगी। भारत मानव विकास सर्वेक्षण के शुरुआती निष्कर्षों के आधार पर हाल ही में तेंदुलकर समिति द्वारा महंगाई-समायोजित गरीबी रेखा का उपयोग करके गरीबी के कुल अनुपात का अनुमान लगाया। इस डाटा का इस्तेमाल सरकार अपनी लोक कल्याणकारी योजनाओं को बनाने और उन्हें बेहतर तरीके से लागू करने के लिए करती है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने लेटेस्ट घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण का हवाला देते हुए दावा किया कि देश में गरीबी पांच फीसदी से नीचे आ गई है। अगस्त 2022 और जुलाई 2023 के दौरान किए सर्वे से पता चला है कि सरकार द्वारा लागू गरीबी उन्मूलन उपाय कारगर साबित हो रहे हैं।
by NewsDesk | 28 Sep 24
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