• trending-title
  • ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
  • Monday, Dec 23, 2024

रुस का एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम हो रहा फेल.....चिंतित भारत ; अमेरिकी एटीएसीएमएस रॉकेट के सामने टिक नहीं पा रहा

by NewsDesk - 14 Jun 24 | 160

कीव । रूस और यूक्रेन युद्ध में अब रूसी हथियारों की युद्धक क्षमता की पोल खुल रही है। यूक्रेनी सेना ने क्रीमिया की सुरक्षा में तैनात किए गए रूसी एस-400 एयर डिफेंस को आसानी से तबाह करना शुरु किया है। यूक्रेनी सेना अमेरिका की ओर से दिए गए एटीएसीएमएस रॉकेट का इस्‍तेमाल कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेनी सेना ने मई महीने में 10 आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्‍टम रॉकेट से क्रीमिया के सेवास्‍तोपोल के बाहर बेलबेक में स्थित रूसी ठिकाने पर भीषण हमला बोला था। इसमें एस-400 सिस्‍टम के दो लांचर और एक रेडॉर तबाह हो गए। यह वहीं एस-400 सिस्‍टम है जिसे रूस दुनिया में सर्वश्रेष्‍ठ बताता रहा है और भारत ने भी 5 की संख्‍या में एस-400 खरीद रहा है। इसमें केवल 3 ही भारत को मिले हैं।

 

दो टन वजनी इस अमेर‍िकी रॉकेट सिस्‍टम में ग्रेनेड के आकार के हजारों बॉम्‍बलेट थे जिन्‍होंने एस-400 सिस्‍टम को काफी ज्‍यादा नुकसान पहुंचाया। इस हमले के तुरंत बाद रूसी सेना ने नष्‍ट हुए एस 400 की जगह पर दूसरा सिस्‍टम तैनात किया। रूस का दावा था कि एस 400 अजेय है, एस-400 को नष्‍ट नहीं किया जा सकता है लेकिन अब अमेरिकी मिसाइलों के आगे यह एयर डिफेंस सिस्‍टम फेल साबित हो रहा है।

 

यूक्रेनी सेना ने बताया कि एस 300 और एस 400 एक-एक रेडॉर को भी नष्‍ट किया है। यूक्रेन की सेना ने तीन तरफ से रूसी ठिकाने पर हमला किया। बेलबेक एक तरह से रूस के लिए जाल बन गया है, जहां उसके सबसे अच्‍छे एयर‍ डिफेंस सिस्‍टम फेल साबित हो रहे हैं। जिस तेजी से रूस बेलबेक में अपने एयर डिफेंस सिस्‍टम को तैनात कर रहा है, उसी तेजी से यूक्रेनी सेना उन्हें तबाह कर रही है। रूस अब तक 2 एस 400 कमांड पोस्‍ट, 4 रेडॉर और 16 लॉचर यूक्रेनी हमले में गंवा चुका है। एस 400 को एंटी मिसाइल क्षमता के लिए जाना जाता है लेकिन अमेरिकी रॉकेट के सामने फेल साबित हो रहा है। रूस के पास अभी 50 एस 400 सिस्‍टम है। एस 400 का नष्‍ट होना भारत के लिए भी बुरी खबर है। भारत ने अरबों डॉलर खर्च करके 5 रूसी सिस्‍टम खरीदे हैं, ताकि चीन और पाकिस्‍तान का जवाब दिया जा सके लेकिन अब इस रूसी एयर डिफेंस सिस्‍टम की क्षमता पर ही सवालिया निशान लग गया है।

Updates

+