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- Sunday, Dec 22, 2024
by NewsDesk - 26 Aug 24 | 119
नई दिल्ली । सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने भारतीय वाहनों के लिए नए सुरक्षा मानकों का प्रस्ताव किया है। नए नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पीछे की सीट पर बैठे सभी यात्री सीट बेल्ट पहनें, जिससे दुर्घटनाओं की स्थिति में चोट लगने का जोखिम कम हो सके। इस प्रस्ताव के अनुसार, 1 अप्रैल, 2025 के बाद बनी सभी यात्री कारों (एम-1 श्रेणी) में पीछे वाली सीटों के लिए भी सीट बेल्ट रिमाइंडर अनिवार्य होगा। ये नियम केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर), 1989 के तहत एआईएस-145-2018 के हिस्से के रूप में प्रस्तावित किए गए हैं। इन नियमों के तहत, विशेष सुरक्षा सुविधाओं जैसे कि सीट बेल्ट, नियंत्रण प्रणाली (रेस्ट्रेंट सिस्टम), और सीट बेल्ट रिमाइंडर का उपयोग आवश्यक होगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) की दिसंबर 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में 16,715 लोगों की मौत सीट बेल्ट न पहनने के कारण हुई थी। इसके अतिरिक्त, एम-1 श्रेणी के सभी वाहनों, एल-7 (4 लोगों के बैठने के लिए डिज़ाइन किए गए), एम-2 (8 से ज्यादा यात्रियों वाली बसें, अधिकतम 3.5 टन वजन), एम-3 (3.5 टन से ज्यादा वजन वाली बसें), और एन (3.5 टन क्षमता वाले माल वाहन) श्रेणियों के वाहनों में भी 1 अप्रैल 2025 और 1 अप्रैल 2026 से विशेष मानक वाले नियंत्रण प्रणाली और सुरक्षा बेल्ट असेंबली की आवश्यकता होगी। केंद्रीय मोटर वाहन (दसवां संशोधन) नियम, 2024 के तहत सभी वाहनों में सेफ्टी बेल्ट लगाना और निर्धारित मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। इसके लिए आईएस 16694: 2018 मानक का पालन करना होगा, जिसमें सीट बेल्ट और रेस्ट्रेंट सिस्टम की आवश्यकता होगी। रेस्ट्रेंट सिस्टम एक सुरक्षा प्रणाली है, जो दुर्घटना के समय यात्रियों की गति को नियंत्रित करने और चोट से बचाने के लिए डिज़ाइन की जाती है।
by NewsDesk | 28 Sep 24
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