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- Monday, Dec 23, 2024
by NewsDesk - 10 Jul 24 | 116
नई दिल्ली । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों और अभिभावकों की शिकायतों के बाद फीस रिफंड को लेकर नई पॉलिसी बनाई है। फीस रिफंड पॉलिसी 2024 को पहले की पॉलिसी के मुकाबले काफी सख्त किया गया है। जानकारी के मुताबिक अगर समय रहते किसी भी छात्र की फीस कॉलेज के द्वारा नहीं वापस की, तब संबंधित कॉलेज की मान्यता तक रद्द हो सकती है। साथ ही कॉलेज का अनुदान रोकने से लेकर डिफॉल्टर लिस्ट में डालने का प्रावधान किया गया है। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय में सचिव मनीष जोशी ने इस लेकर नोटिस जारी किया है। नोटिस में उन नियमों और कायदे कानून का हवाला दिया गया है, जिसके तहत फीस नहीं लौटाने की स्थिति में कॉलेज की मान्यता रद्द करने का जिक्र है। ये नियम इंजीनियरिंग, मेडिकल सहित अन्य कॉलेजों पर भी लागू होगा।
यूजीसी ने कॉलेज प्रशासन पर फीस नहीं लौटाने की स्थिति में सख्त कानून तैयार किया है। इसमें ऑनलाइन और ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करवाने की मंजूरी वापस लेने, स्वायत्त संस्थान का दर्जा वापस लेने से लेकर उनका नाम डिफाल्टर सूची में डालकर सार्वजनिक करने तक का प्रावधान है। इसके लिए छात्र या अभिभावकों को भी नियमों के दायरे में आवेदन करना होगा। मसलन फीस वापसी के लिए एक निश्चित समय सीमा होती है। यदि इस समय सीमा के भीतर ही छात्र और अभिभावक को आवेदन करना होगा, जिससे कि समय रहते उनकी रकम की वापसी हो सके।
दरअसल यूजीसी को कई छात्रों और अभिभावकों से इसकी शिकायत मिली थी कि एजेकुशन सिस्टम में कई बार ऐसा पाया गया है कि खास कारणों में अगर कोई छात्र संस्थान से अपना नाम वापस ले लेता है, तब उस नियमों के दायरे के मुताबिक कालेज से फीस वापस नहीं हो रही हैं। इसतरह के शिकायतकर्ता छात्रों और अभिभावकों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही थी।
by NewsDesk | 28 Sep 24
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