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  • Wednesday, Dec 25, 2024

हूती विद्रोहियों से निपटने अमेरिकी नौसेना ने तैनात किए डेस्‍ट्रायर और हमलावर ड्रोन

by NewsDesk - 21 Dec 23 | 230

मैरिटाइम फोर्स का लाल सागर तक विस्‍तार

वॉशिंगटन। लाल सागर में हूती विद्रोहियों के बढ़ते हमले के बीच अमेरिकी नौसेना ने कई अन्‍य देशों के साथ मिलकर करारा जवाब दे रहा है। अमेरिका सरकार ने मैरिटाइम फोर्स का लाल सागर तक विस्‍तार किया है। अमेरिकी डेस्‍ट्रायर ने हूतियों के एक दर्जन ड्रोन विमानों को मार गिराया है। इसके लिए अमेरिका ने लाल सागर में मिसाइलों से लैस डेस्‍ट्रायर और हमलावर ड्रोन तक तैनात किए हैं। माना जा रहा है कि हूतियों और अमेरिकी नौसेना के बीच चल रही यह लड़ाई आने वाले समय में और ज्‍यादा बढ़ सकती है।

हूती विद्रोहियों ने ऐलान किया है कि जब तक इजरायल गाजा में हमले जारी रखेगा, वे लाल सागर में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बनाया जाएगा। हूती अब तक कई जहाजों पर मिसाइलों की बारिश कर चुके हैं जिससे कई दिग्‍गज व्‍यापारिक कंपनियों को इस रास्‍ते सामान भेजना रोकना पड़ा है। अब अमेरिका इन व्‍यापारिक जहाजों को सुरक्षा देने के लिए लाल सागर और अदन की खाड़ी में अपने मिशन को बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक हूतियों को रोकने के लिए अमेरिकी नौसेना के डेस्‍ट्रायर लाल सागर में मौजूद हैं। इन युद्धपोतों पर कई तरह की घातक मिसाइलें लगी हुई हैं।

उन्‍होंने कहा कि अमेरिकी डेस्‍ट्रायर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, मुख्‍य गन के लिए विस्‍फोटक गोले और नजदीक से हमला करने के लिए कई हथियार हैं। अमेरिकी जहाजों में इलेक्‍ट्रानिक युद्ध लड़ने की क्षमता है जो ड्रोन और उनके हैंडलर के बीच संपर्क को काट सकते हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि इस लड़ाई में अमेरिका को काफी खर्च उठाना पड़ सकता है। ईरान के इशारे पर काम करने वाले हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी हितों के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में कई हमले किए हैं।

हूती विद्रोहियों ने इजरायल से जुड़े जहाजों का अपहरण भी किया है। हूतियों के खतरे को देखते हुए दुनिया की सबसे बड़ी कंटेनर कंपनियां इस रास्‍ते आने पर रोक लगा रही हैं। इससे दुनिया का व्‍यापार चौपट हो सकता है। सप्‍लाइ चेन की दिक्‍कत आ सकती है और मालभाड़ा भी काफी बढ़ सकता है। दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनियों में शामिल बीपी ने कहा है कि वह स्‍वेज नहर से दूरी बनाने जा रही है। इससे अब तेल और गैस की कीमतें पश्चिमी देशों में बढ़ सकती है।

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