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बांग्लादेश में मतदान के दौरान हिंसा,10 जिलों के 14 मतदान केंद्रो में लगाई आग

by NewsDesk - 07 Jan 24 | 252

ढाका। हिंसा के बीच बांग्लादेश में आज आम चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। करीब 12 करोड़ मतदाता अगली सरकार का फैसला करेंगे। मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी है (बीएनपी) है, जिसने शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की है। यह पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की है, जोकि चुनाव का बहिष्कार कर रही है और अभी की सरकार को अवैध बताते हुए 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान भी किया है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, आम चुनाव से पहले बांग्लादेश के 10 जिलों में कम से कम 14 मतदान केंद्रों और दो स्कूलों में आग लगा दी गई। इससे पहले शनिवार को उपद्रवियों ने लालमोनिरहाट के हतिबंधा उपजिला में एक मतदान केंद्र में आग लगा दी थी। शेख सुंदर मास्टरपारा प्राइमरी स्कूल नामक केंद्र में शनिवार रात करीब 10 बजे आग लगा दी गई। इसके अलावा, शनिवार को मैमनसिंह में एक केंद्र में आग लगाने के बाद पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

चुनाव आयोग का कहना है कि देश भर के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान की तैयारी लगभग पूरी है और सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली गई है। बांग्लादेश में संसद की 300 सीटें हैं। एक निर्दलीय उम्मीदवार की मौत होने के बाद एक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव स्थगित कर दिया गया है। कुल 11 करोड़ 96 लाख मतदाता है. देश में कुल 42,000 से अधिक मतदान केंद्रों बनाए गए हैं। चुनाव में 27 राजनीतिक दलों के 1,500 से अधिक उम्मीदवारों के अलावा 436 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

हसीना का जीतना तय

बांग्लादेश में वोटिंग से पहले चुनाव आयोग का इलेक्शन ऐप क्रैश हो गया है। आयोग ने मतदाताओं के चुनाव संबंधी विवरण ढूंढने के लिए ऐप को लॉन्च किया था। शेख हसीना का लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है। उनको लेकर कहा जाता है कि उन्होंने गरीबी से जूझ रहे देश को उबारते हुए विकास की ओर कदम बढ़ाए हैं। हालांकि उनकी सरकार पर बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के हनन और विपक्ष पर क्रूर कार्रवाई का आरोप भी लगी है। हसीना की पार्टी जिन सीटों पर चुनाव लड़ रही है वहां उनका लगभग कोई प्रभावी प्रतिद्वंद्वी नहीं है, ऐसे में उनका जीतना तय माना जा रहा है। फरीदपुर के मध्य जिले में रहने वाले 64 साल के लाल मिया का कहना है कि अगर मैं वोट नहीं दूंगा तो वे मुझसे सरकारी सहायता जब्त कर ली जाएगी। चूंकि सरकार हमें खाना खिलाती है, इसलिए हमें उन्हें वोट देना होगा। बीएनपी और अन्य पार्टियों ने पिछले साल हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर महीनों तक विरोध प्रदर्शन किया था।

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